कुमार इंदर, जबलपुर।  जबलपुर डुमना एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का आज से शुभारंभ हो गया, नए टर्मिनल के शुभारंभ के मौके पर जहां वाटर कैनन से पानी की बौछार कर फ्लाइट का स्वागत किया गया। इस दौरान एयरपोर्ट के स्टाफ ने यात्रियों का फूल देकर स्वागत भी किया। गौरतलब हैं 14 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई टर्मिनल बिल्डिंग का ई-लोकार्पण किया था। 412 करोड़ रुपए की लागत से बने डुमना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन के दरवाजे आज से यात्रियों के लिए खोल दिए गए है। नई टर्मिनल बिल्डिंग में 500 यात्री की क्षमता, 300 कार पार्किंग व्यवस्था है।

नई टर्मिनल बिल्डिंग में रहेगी ये सुविधा 

एयरपोर्ट में नई टर्मिनल बिल्डिंग में आधुनिक चेक इन काउंटर्स, 2 बैगेज बेल्ट, एलीवेटर्स, एस्केलेटर, आधुनिक पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज, फायर फाइटिंग, फायर अलार्मस सिग्नल्स, डिस्प्ले बोर्ड, सीसीटीवी कैमरा, बैगेज स्कैनर, चाइल्ड केयर रूम, वीआईपी रूम, स्नैक्स बार, एटीएम, चिकित्सा सुविधा के साथ ही पब्लिक एमेनिटीज की सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी साथ ही 300 कारों की पार्किंग एवं वीआईपी. व बस पार्किंग की व्यवस्था भी होगी। जहां 28 मीटर ऊंचा एटीसी टावर का भी निर्माण किया गया है। वहीं आने-जाने के लिए चार प्रवेश द्वार के साथ ही लॉज एरिया और मदनमहल किले की स्थानीय आकृति की झलक भी देखने को मिल रही है।

प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा रनवे भी जबलपुर में 

नई टर्मिनल बिल्डिंग के अलावा एटीसी टाॅवर, टैक्निकल ब्लाॅक एवं फायर स्टेशन कार्य भी किया गया है साथ ही रनवे एवं एप्रन का निर्माण हेतु वर्तमान 1988 मी. के रनवे मरम्मत के साथ ही एक्सटेंशन करते हुए 2750 मी. का रनवे बनाया गया है जिससे ए320/321 जैसे बड़े एयरक्राॅफ्ट भी आसानी से अब लैंड हो सकेंगे। इसी के साथ नाइट लैंडिंग में अब किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। 2750 मीटर लंबे रनवे के साथ प्रदेश का दूसरा सबसे लंबा रनवे होगा, जबकि प्रदेश का सबसे लंबा रनवे इंदौर विमानतल का रनवे है जो 2754 मीटर लंबा है, वहीं भोपाल एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 2744 मीटर है।

कोहरे में भी उतर सकेगा विमान 

घने कोहरे और बारिश के दौरान विमान डुमना एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकेगा, इसके लिए के लिए एयरपोर्ट पर थ्री कैटेगरी का इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) सिस्टम इंस्टॉल कर दिया गया। यह आईएलएस इक्यूपमेन्ट सिस्टम सीधे विमान से कनेक्ट होगा और 800 मीटर की विजीबलटी में भी पायलट को संकेत भेज रनवे पर विमान लेंड करवाने में पायलट की मदद करेगा। डीजीसीए से मार्च के आखिरी सप्ताह तक इसके संचालन के लिए हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।

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