नई दिल्ली। आयकर विभाग ने बिहार और झारखंड के एक प्रमुख सड़क निर्माण ठेकेदार के खिलाफ छापेमार कार्रवाई की है. इस छापेमारी में लगभग 100 करोड़ रुपए की काली कमाई का पता चला है. यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दी है. छापेमारी 27 अक्टूबर को बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में की गई थी.

आईटी विभाग के अनुसार तलाशी से पता चला है कि समूह सामग्री की खरीद पर खर्च बढ़ाकर अपने मुनाफे को छुपा रहा था. इस तरह की अतिरिक्त सामग्री बाजार में नकद में बेची जाती थी और इसके जरिए बेहिसाब कमाई होती रहती थी. विभाग ने यह भी पाया कि समूह ने अन्य व्यावसायिक खचरें को बढ़ाने के लिए आवास प्रविष्टियां प्राप्त कीं.

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इन संदिग्ध गतिविधियों में समूह की सहायता करने वाले कमीशन एजेंटों के परिसरों से हस्तलिखित डायरी जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं. इन जब्त दस्तावेजों में बेहिसाब नकदी पैदा होने और सामग्री की आवाजाही के सबूत हैं. तलाशी अभियान में आगे खुलासा हुआ है कि समूह संविदात्मक प्राप्तियों और सेवा आय को भी दबा रहा है. यह देखा गया कि समूह बिल और वाउचर जैसे सहायक दस्तावेजों सहित खातों की उचित पुस्तकों का रखरखाव नहीं कर रहा है.

तलाशी के दौरान बरामद और जब्त किए गए विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज विभिन्न स्थानों पर अचल संपत्तियों में निवेश के लिए विभिन्न स्थानों के बीच बेहिसाब नकदी की आवाजाही और व्यक्तिगत प्रकृति के नकद खर्च का संकेत देते हैं. यह भी पता चला कि फर्जी बिलों के कमीशन एजेंटों और आपूर्तिकर्ताओं ने भी करोड़ों रुपये की आय पर कर की चोरी की है, क्योंकि वे अन्य पार्टियों को भी आवास प्रविष्टियां प्रदान करने में लिप्त हैं.

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विभाग के एक बयान में कहा गया है कि तलाशी कार्रवाई में 5.71 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है. जिसमें कहा गया है कि 10 बैंक लॉकरों को रोक दिया गया है. करीब 60 करोड़ रुपए के फिक्स्ड डिपोसिट आदि में किए गए निवेश का सत्यापन किया जा रहा है. तलाशी अभियान में करीब 100 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है. आगे की जांच जारी है.

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