रायपुर. राज्यपाल अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में गुरुवार को राजभवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में सैनिक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ के राज्य प्रबंधन समिति की 14वीं बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में 11 निर्धारित एजेंडो पर विस्तृत चर्चा की गई और भूतपूर्व सैनिकों के हितों में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. भूतपूर्व सैनिकों को दी जाने वाली विभिन्न सहायता राशि और सम्मान में बढ़ोत्तरी को भी स्वीकृति दी गई है.

राज्यपाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड के दो वर्षों में हम सभी के साथ-साथ भूतपूर्व सैनिक परिवार को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और सैनिक कल्याण बोर्ड की आय भी प्रभावित हुई. राज्यपाल ने सैनिकों के कल्याण के लिए चर्चा-परिर्चाओं में भूतपूर्व सैनिक परिवार के सदस्यों से भी बात करने और सुझाव लेने को कहा ताकि उनके समस्याओं के बारे में सटीक जानकारी मिल सके. उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीद जवानों के शौर्य और साहस से परिचय कराने के लिए पहल करने का सुझाव दिया. इस आशय गांव के चौक-चौराहों आदि में स्थानीय शहीद सैनिकों, सेनानियों की प्रतिमा और उनसे जुड़ी जानकारी साझा करने के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए.

राज्यपाल ने मुख्य सचिव जैन से कहा कि शासन द्वारा शासकीय सेवा में भर्ती के लिए जारी विज्ञापनों को सैनिक कल्याण बोर्ड को भी प्रेषित किया जाए, ताकि बोर्ड को भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित सीटों की जानकारी मिले और उनके द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को इससे अवगत कराया जा सके. उन्होंने युवाओं को भूतपूर्व सैनिकों के अनुभव का लाभ दिलाने के दृष्टिकोण से भी पहल करने की बात कही. राज्यपाल ने अंत में कहा कि आज भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए हुए सारे निर्णय अति महत्वपूर्ण हैं. इससे निश्चित ही सैनिक परिवारों को लाभ मिलेगा और आगे भी इस प्रकार के प्रयास सतत् जारी रहेंगे.

बैठक में सैनिक कल्याण बोर्ड के राज्य प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष और मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने भी सुझाव देते हुए कहा कि बोर्ड द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी और आवेदन के लिए मोबाईल एप्प तैयार करने को कहा. इससे आवेदन प्रक्रिया आसान होगी और भूतपूर्व सैनिकों को अनावश्यक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.
बैठक में निर्धारित 11 एजेण्डों के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लेखा परीक्षण और वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुमानित बजट की जानकारी दी गई.

बैठक में समिति द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के पेंशनर को प्रतिमाह दी जाने वाली चिकित्सा हेतु आर्थिक सहायता राशि 7 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने की स्वीकृति दी गई. इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिक जिनकी उम्र 70 वर्ष से ज्यादा है और अत्यंत गरीब हैं, उन्हें दी जा रही आर्थिक सहायता को 30 हजार से 50 हजार रुपये दिए जाने के प्रस्ताव के स्थान पर एक लाख रुपये देने का निर्णय लिया गया. भूतपूर्व सैनिकों, जिनकी उम्र 75 वर्ष से ज्यादा है. उनको दिए जाने वाले सम्मान राशि में बढ़ोत्तरी की गई है, तदानुसार 75 वर्ष पूर्ण होने की सीमा को घटाकर 70 वर्ष किया गया और 70 वर्ष पूर्ण होने पर 70 हजार, 75 वर्ष पूर्ण होने पर 75 हजार, 80 वर्ष पूर्ण होने पर 80 हजार और 90 वर्ष पूर्ण होने पर 90 हजार, 95 वर्ष पूर्ण होने पर 95 हजार, 100 वर्ष पूर्ण होने पर 01 लाख एक मुश्त और 100 वर्ष से अधिक उम्र पर प्रतिवर्ष 01 लाख रुपये प्रदान करने की स्वीकृति दी गई. इसी प्रकार भूतपूर्व सैनिकों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रदाय आर्थिक सहायता राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 05 हजार रुपये किया गया.

भूतपूर्व सैनिकों को स्वरोजगार के लिए दी जाने वाली एक मुश्त 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता के लिए निर्धारित मासिक आय सीमा 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार किया गया. इसी प्रकार भूतपूर्व सैनिकों के केवल एक पुत्र को NDA/IMA/OTA में प्रशिक्षण लेने के लिए दी जाने वाली 1000 रुपये के सम्मान राशि को 3000 रुपये किए जाने के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने सम्मान राशि को 10 हजार करने के साथ-साथ केवल पुत्र के स्थान पर पुत्री को भी प्रदाय किए जाने को स्वीकृति प्रदान की.

भूतपूर्व सैनिकों के शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोत्तरी को स्वीकृति दी गई, जिसके अनुसार 26 से 50 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों के लिए 700 रुपये को बढ़ाकर 1500 रुपये करने के प्रस्ताव के स्थान पर 2 हजार रुपये, 51 से 75 प्रतिशत दिव्यांग बच्चे के लिए 15 सौ से बढ़ाकर 2 हजार रुपये करने के प्रस्ताव के स्थान पर 3 हजार रुपये और 76 से 100 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों के लिए 1500 रुपये से बढ़ाकर 4 हजार रुपये करने के प्रस्ताव के स्थान पर 6 हजार रुपये प्रदान करने की स्वीकृति दी गई.

साथ ही शासकीय वृद्धाश्रम में निवासरत भूतपूर्व सैनिकों को प्रतिमाह दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि 15 सौ रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये किया गया. कैंसर का इलाज और डायलिसिस कराने वाले मरीजों को दी जाने वाली सहायता राशि में हर साल 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने की स्वीकृति दी गई. नवनिर्मित सैनिक विश्रामगृह रायपुर सहित दुर्ग, राजनांदगांव और जगदलपुर में लघु निर्माण, मरम्मत, साज-सज्जा के लिए भी राशि आबंटन को स्वीकृति दी गई.

बैठक में वित्त विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी., राज्यपाल उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल, सचिव गृह विभाग धनंजय देवांगन, अतिरिक्त महानिदेशक पुनर्वास परिषद मध्य कमान लखनऊ ब्रिगेडियर के पी एस सिरोही विशिष्ट सेवा मेडल, कमांडर मुख्यालय छत्तीसगढ़ और ओडिशा सब एरिया ब्रिगेडियर विग्नेश मोहंती सेना मेडल, ब्रिगेडियर प्रदीप यदु (सेवानिवृत्त) कर्नल कीजो लाल यादव (सेवानिवृत्त) कैलाश नाहटा और टीआर साहू ने प्रत्यक्ष रुप से बैठक में शामिल हुए. साथ ही सचिव भारत सरकार रक्षा मंत्रालय भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग नई दिल्ली विजय कुमार, जनरल ऑफिसर कमांडिंग मध्य भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास, सेना मेडल परम विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और कार्यवाहक संयुक्त सचिव प्रतिनिधि केंद्रीय सैनिक बोर्ड नई दिल्ली, कर्नल कमल भट्ट ने परोक्ष रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए.