रायपुर। कोरोना योद्धा पिछले 37 दिनों से सेवा वृद्धि को लेकर आंदेलन कर रहे हैं. जिनमें से आधा दर्जन से ज्यादा कोरोना वॉरियर्स को टाइफाइड हो गया है. जिला अस्पताल, दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शहरी स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य जगह भर्ती हैं. बिजली, पानी, सफ़ाई एवं सेड की कोई व्यवस्था नहीं है. कचरा, ट्रांसफर, डमपिंग यार्ड के बदबू से दम घुटने जैसे हालात बने हुए हैं.

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टायफाइड उल्टी दस्त का शिकार

कोरोना योद्धा संघ के प्रदेश अध्यक्ष हूमेश जायसवाल ने कहा कि सेवा वृद्धि की मांग को लेकर पिछले 37 दिनों से आंदोलन कर रहे. 25 से ज़्यादा कोरोना योद्धाओं की तबीयत बिगड़ी जिन्हें इलाज के लिए शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेडिकल कालेज DKS अस्पताल एवं अन्य निजी अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया जहां पर सभी कोरोना योद्धाओं का इलाज जारी है जिसमें 6 कोरोना योद्धाओं का टाइफाइड पॉजिटिव आए हैं, कई लोगों को उल्टी-दस्त की भी समस्या है. 

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बद से बदत्तर है स्थिति

साथ ही कहा कि धरना स्थल के तहत हालात ख़राब है ना यहाँ बिजली है न पानी है, प्रदर्शन के लिए कोई सेट नहीं है, ज़िंदगी का अंबार होता है, इस शहर के सभी कचरा लाया जाता है बदबू से दम घुटने जैसे हालात हैं, बारिश होते ही धरना स्थल तलाब में तब्दील हो जाता है इसी स्थिति में पिछले हम सहित 37 दिनों से चौबीसों घंटे रहने की वजह से सेहत खराब हुई.

ख़तरा बरकरार

साथ ही कहा कि धरना प्रदर्शन स्थल के पास ही नगर निगम का कचरा भी फेंका जाता है जहां पर मच्छर की वजह से मलेरिया डेंगू का भी खतरा बना रहता है वही दूषित पानी की वजह से तबीयत खराब होने की बात सामने आई है. हालांकि राहत की बातें हैं कि सभी का स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है और अभी भी उनका इलाज जारी है.

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सत्ता में आकर भूल गए दर्द

संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से कांग्रेस इसी धरना स्थल पर आंदोलन करते हुए आज सत्ता में हैं विपक्ष में रहते धरना स्थल की स्थिति पर खूब सवाल उठाए हैं अब सत्ता में आकर सब भूल गए हैं.