अबू धाबी। डब्ल्यूटीओ का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन अपने निर्धारित समय से एक आगे चलने के बाद भी मछली पालन या कृषि में कोई समझौता करने में विफल रहा. सम्मेलन में शामिल वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने परिणामों पर संतुष्टी जताते हुए कहा कि किसानों और मछुआरों की सुरक्षा के लिए भारत अपनी नीति बरकरार रखी है. इसे भी पढ़ें : बीजापुर में भाजपा नेता की हत्या को उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया ‘कायराना’, कहा- चुनाव के मद्देनजर भय पैदा करने की जा रही हैं ऐसी घटनाएं…

डब्ल्यूटीओ एमसी13 के अधूरे एजेंडे पर अब जिनेवा में डब्ल्यूटीओ सचिवालय में विभिन्न समितियों की नियमित बैठकों में काम किया जाएगा और फिर दो साल के समय में कैमरून में एमसी14 में इसे आगे बढ़ाया जाएगा. सम्मेलन में भारत खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग की समस्या का स्थायी समाधान हासिल करने में सफल नहीं रहा, लेकिन कृषि में घरेलू सब्सिडी और बाजार पहुंच जैसे अन्य मुद्दों को बातचीत के जरिए वापस चर्चा में आने से रोकने में कामयाब रहा.

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भारत के लिए सम्मेलन इस लिहाज से महत्वपूर्ण रहा कि वह 130 देशों के बीच विकास के लिए चीन के नेतृत्व वाले निवेश सुविधा समझौते को बहुपक्षीय समझौते के रूप में डब्ल्यूटीओ ढांचे में औपचारिक रूप से शामिल करने कई सदस्य देशों के प्रयासों को सफल नहीं होने दिया.

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गोयल ने सम्मेलन के बाद कहा, “कुल मिलाकर, जिन उद्देश्यों के साथ हम अबू धाबी आए थे वे काफी हद तक पूरे हो गए हैं, और हम पूरी तरह से संतुष्ट होकर वापस जा रहे हैं. हमारा सबसे बड़ा हित हमारे किसानों और मछुआरों की रक्षा करना था, जो हम दृढ़ता से कर रहे हैं, और यही हमारे हित है, जिसे हम सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं.”

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हालांकि, ई-कॉमर्स पर सीमा शुल्क पर रोक के नवीनीकरण को दो साल के कैमरून में होने वाली मंत्रिस्तरीय सम्मेलन तक टाले जाने को भारत के लिए एक झटके के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि भारत इसे समाप्त करने के लिए सख्ती से जोर दे रहा था.

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