जालंधर। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में रूसी सेनाएं यूक्रेन की राजधानी कीव के पास पहुंच गई हैं और लगातार बमबारी कर रही हैं. यूक्रेन में पढ़ने के लिए गए सैकड़ों भारतीय छात्र युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे हुए हैं. कुछ भारतीय छात्रों ने बंकरों में शरण ली है, तो कुछ बिल्डिंग के बेसमेंट में फंसे हुए हैं. उन्हें खाने-पीने की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. उनके मोबाइल डिस्चार्ज हो चुके हैं. कई लोगों की बात परिवारजनों से नहीं हो पा रही है. इधर भारत में उनके माता-पिता की सांसें अटकी हुई हैं.

फंसे हुए भारतीयों की मदद के लिए स्लोवाकिया में स्थित भारतीय दूतावास ने अधिकारियों को यूक्रेन सीमा पर भेजा

 

स्टूडेंट्स ने हाथों में थामा हुआ था तिरंगा

इन सबके बीच भारत ने रोमानिया और हंगरी से कुछ भारतीय छात्रों को एयरलिफ्ट किया है. स्टूडेंट ने रवानगी के साथ ही हाथों में तिरंगा थाम रखा था. वहीं जिस बस में सवार होकर वे गए, उस पर भी तिरंगा और इंडियन स्टूडेंट ऑन बोर्ड का पर्चा लगा हुआ था. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि AI-1941 शनिवार दोपहर 2 बजे मुंबई से यूक्रेन के लिए उड़ान भरेगी, जबकि AI-1943 शाम 4 बजे दिल्ली से वहां जाएगी.

 

रोमानिया तक सड़क के रास्ते पहुंचे स्टूडेंट

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन से छात्रों को निकालने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. ये सभी पहले रोमानिया और फिर वहां से भारत आएंगे. इन छात्रों का पहला बैच रोमानिया से भारत के लिए रवाना कर दिया है. रोमानिया से रवाना होने से पहले इन स्टूडेंट ने अपने वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए, जिसमें वे भारत सरकार और विदेश मंत्रालय का खतरे से निकालने के लिए आभार जता रहे हैं.

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यूक्रेन में फंसे जालंधर के 25 लोग

पंजाब शासन-प्रशासन ने भी यूक्रेन में फंसे अपने लोगों की जानकारी जुटाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. अब तक इस नंबर पर करीब 25 लोग संपर्क कर चुके हैं. फोन पर परिजनों ने यूक्रेन में फंसे अपने पारिवारिक सदस्यों के बारे के बारे में जानकारी साझा की है. डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने 25 परिवारों के संपर्क करने और जानकारी मुहैया करवाने की पुष्टि करते हुए बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर कुल 25 कॉल आईं और ऑपरेटरों की तरफ से कॉल करने वालों से जानकारी इकट्ठा की गई है. यूक्रेन में फंसे लोगों को इकट्ठा करने के इरादे से जालंधर प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर 0181-2224417 जारी किया है.

 

यूक्रेन से लौटी हरियाणा के सिरसा की मनुरीत और खुशी, बयां किया वहां का हाल

हरियाणा के सिरसा में गुरुनानक नगर कॉलोनी में रहने वाली मनुरीत अनेजा और एमसी कालोनी निवासी खुशी शर्मा यूक्रेन से लौट आई हैं. उनके माता-पिता बच्चियों के सुरक्षित घर लौट आने से खुश हैं. मनुरीत अनेजा और खुशी शर्मा दोनों सिरसा में एक स्कूल में पढ़ती थीं और डॉक्टर बनने के लिए 3 महीने पहले यूक्रेन भी एक साथ गईं. रूस और यूक्रेन में बढ़े तनाव को लेकर 15 दिनों से दोनों के परिजन उन्हें सिरसा वापस लौटने के लिए कह रहे थे. वे बताती हैं कि वहां यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना था कि लवीव सबसे सुरक्षित है, कोई डर नहीं है, वहां हालात भी सामान्य थे. हालांकि दोनों युवतियों ने बताया कि उनके दोस्त खराब हालात वाले इलाके में फंस गए हैं, जिनकी उन्हें चिंता है. उन्होंने बताया कि यूक्रेन में फंसे अपने दोस्तों से बात करने पर पता चला कि वहां ब्लैकआउट है, इंटरनेट बंद है.

यूक्रेन से लौटी मनुरीत अनेजा अपने माता-पिता के साथ

 

रूस ने दिया भारत को आश्वासन, एयर इंडिया ने शुरू किया ऑपरेशन

युद्ध के बीच रूस ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षा का भरोसा दिया है. वहीं एयर इंडिया 26 फरवरी को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए अपनी 3 उड़ानें रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और एक उड़ान हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट भेजेगा. एयर इंडिया बी787 विमान बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के लिए परिचालित करेगा.

खुशी शर्मा सिरसा अपने घर में माता-पिता के साथ

 

दो दिन पहले हमले के कारण लौट गया था एयर इंडिया का विमान

यूक्रेन में रूस के हमले से पहले एयर इंडिया ने छात्रों को निकालने का ऑपरेशन शुरू किया था. 242 छात्रों का दल यूक्रेन से भारत के दिल्ली वापस लौटा भी था. लेकिन बाद में जब फिर से एयर इंडिया की फ्लाइट रेस्क्यू के लिए भेजी गई, तब हमले के बाद विमान को वापस लौटना पड़ा. हवाई ठिकाने पर हुए मिसाइल हमले के चलते यूक्रेन ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया था, ऐसे में भारत वापसी के लिए विमान पकड़ने गए स्टूडेंट्स को स्थानीय प्रशासन ने हवाई अड्‌डे से ही लौटा दिया. वहीं भारत में रोमानिया के दूत का कहना है कि उनका देश उन भारतीय छात्रों को भोजन और आवास मुहैया कराएगा, जिन्हें यूक्रेन से निकाला जा रहा है. यूक्रेन सरकार ने भी भारतीय छात्र-छात्राओं को मजबूत बनने और धैर्य रखने का आग्रह करते हुए कहा है कि वह अपने दूतावास के संपर्क में रहें और खुद को सुरक्षित रखते हुए उन्हीं के मार्गदर्शन में रोमानिया और हंगरी से अपने वतन की वापसी करें.