रायपुर। आरक्षण के विरोध में आज आरक्षण मुक्ति मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान किया है. इसे लेकर रायपुर में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी है. आज सवर्ण जब रायपुर में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कराने के लिए निकले, तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. करीब 50 प्रदर्शनकारियों को रायपुर सेंट्रल जेल लाया गया है. उन्हें यहां एक साथ जमा होने नहीं दिया जा रहा है. वहीं राजधानी में कई जगह पर अस्थायी जेलें भी बनाई गई हैं.

बताया जा रहा है कि अलग-अलग थाना क्षेत्रों से पूरे रायपुर में करीब 200 सवर्णों को हिरासत में लिया गया है. सवर्णों की मांग है कि पूरी तरह से आरक्षण खत्म किया जाए और जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि वे दलितों के भारत बंद में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए थे, शांतिपूर्ण तरीके से दुकानों को बंद करा रहे थे, इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. उनके मोबाइलों को जब्त कर लिया गया है.

सवर्णों ने पुलिस पर आंदोलन को कुचलने का आरोप लगाया. साथ ही ये चेतावनी भी दी कि अगर उन्हें दबाया गया, तो फिर वे उग्र आंदोलन करेंगे. सवर्णों ने आरक्षण मुक्त भारत के नारे भी लगाए. आरक्षण मुक्ति मोर्चा का कहना है कि बाकी देश इसलिए आगे हैं कि वे प्रतिभावान लोगों को प्राथमिकता देते हैं. जबकि हमारे देश में 80 फीसदी अंक लाने वाले घर बैठे रहते हैं और 40 फीसदी अंक लाने वालों को नौकरी मिलती है.

आरक्षण मुक्ति मोर्चा ने बंद में सहयोग की अपील की बात की और कहा कि देश को बर्बाद होने से बचाने के लिए आरक्षण नाम की बीमारी को जड़ से मिटाना होगा. उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल को एससी-एसटी ने भारत बंद बुलाया था. इस दौरान व्यापारियों के साथ दुर्व्यवहार हुआ और जमकर हिंसा हुई, जिसमें सवर्ण और ओबीसी भाईयों ने अपनी जान गंवाई. कम से कम उनके लिए एक दिन के लिए भारत बंद को समर्थन देना चाहिए. आरक्षण मुक्ति मोर्चा का कहना है कि आरक्षण के कारण प्रतिभावान युवा पीछे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन्हें सच में आरक्षण की जरूरत है, उन्हें ये नहीं मिल रहा. केवल वोट बैंक की राजनीति के चक्कर में इसे बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके कारण देश के करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहे हैं.

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