श्रीहरिकोटा, आंध्रप्रदेश। अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने अपना परचम लहरा दिया है. आज देश के लिए गर्व करने का मौका है. दरअसल आज इसरो ने 100वां सैटेलाइट लॉन्च किया. आज सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर PSLV के जरिए एक साथ 31 सैटेलाइट लॉन्च किए गए और इस तरह से इसरो का सैटेलाइट भेजने का शतक पूरा हो गया.
आज इसरो ने कीर्तिमान रच दिया है. वहीं आज विभिन्न देशों के जिन 31 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया गया, उनमें से 3 उपग्रह भारतीय हैं. बाकी के 28 उपग्रह कनाडा, फिनलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और फ्रांस के हैं.
वहीं इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानि इसरो ने अपने जिस 100वें सैटेलाइट को लॉन्च किया है, वो पीएसएलवी श्रृंखला का सैटेलाइट है, इसका नाम कार्टोसैट-2 है. इस सैटेलाइट को ‘आई इन द स्काइ’ के नाम से भी जाना जा रहा है, क्योंकि ये अतंरिक्ष से तस्वीरें लेने के लिए ही बनाया गया है.
पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर रखेगा नज़र
वहीं कार्टोसैट-2 पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भी अपनी पैनी नज़र रखेगा. धरती पर नज़र रखने के लिए 710 किलोग्राम का कार्टोसैट-2 सीरीज मिशन का प्राथमिक उपग्रह है. इसके साथ सह यात्री उपग्रह भी है, जिसमें 100 किलोग्राम का माइक्रो और 10 किलोग्राम का नैनो उपग्रह भी शामिल हैं.
टोटल 28 अंतरराष्ट्रीय सहयात्री उपग्रहों में से 19 अमेरिका, 5 दक्षिण कोरिया और एक-एक सैटेलाइट कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फिनलैंड के हैं.
घबराया पाकिस्तान
इधर भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पाकिस्तान की बैखलाहट साफ देखने को मिल रही है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत जिन उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है, उससे उसकी दोहरी नीति उजागर हो रही है. पाकिस्तान का कहना है कि इन सैटेलाइट्स का इस्तेमाल नागरिक और सैन्य उद्देश्य में किया जा सकता है, इसलिए ये जरूरी है कि इनका इस्तेमाल सैन्य क्षमताओं के लिए नहीं किया जाए.
बता दें कि अभी बुधवार को ही केंद्र सरकार ने मशहूर वैज्ञानिक के शिवन को इसरो का नया चेयरमैन नियुक्त किया है.
गौरतलब है कि 31 अगस्त 2017 को इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था. पीएसएलवी-सी40 साल 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है.