India FY25 Tax Collections : भारत सरकार का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 1 अप्रैल से 17 जून (वित्त वर्ष 2024-25) के बीच साल-दर-साल करीब 21% बढ़कर 4.63 लाख करोड़ रुपये हो गया. वित्त मंत्रालय ने 18 जून (मंगलवार) को अंतिम डेटा जारी कर यह जानकारी दी है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह साल-दर-साल 22% से अधिक बढ़कर 5.16 लाख करोड़ रुपये हो गया. सकल प्रत्यक्ष कर का मतलब रिफंड से पहले का कर संग्रह है.
व्यक्तिगत आयकर संग्रह 2.89 लाख करोड़ रुपये रहा (India FY25 Tax Collections)
कॉर्पोरेट आयकर संग्रह 2.26 लाख करोड़ रुपये रहा. वहीं, सुरक्षा लेनदेन कर (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत आयकर संग्रह 2.89 लाख करोड़ रुपये रहा.
अग्रिम कर संग्रह 27% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हुआ
वित्त वर्ष 2025 के लिए अग्रिम कर संग्रह 27.34% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसमें कॉर्पोरेट आयकर से 1.14 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर से 34,470 करोड़ रुपये का संग्रह शामिल है.
चालू वित्त वर्ष में 53,300 करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 53,300 करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया है. यह राशि 1 अप्रैल से शुरू होकर 17 जून 2024 तक जारी की जाएगी.
यह राशि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में जारी किए गए रिफंड से 33.70% अधिक है. केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह से 21.99 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है.
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में अंतर
प्रत्यक्ष कर वह कर है जो आम आदमी से सीधे वसूला जाता है. प्रत्यक्ष कर में कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं. शेयर या अन्य संपत्तियों पर लगने वाला कर भी प्रत्यक्ष कर की श्रेणी में आता है.
वह कर जो आम जनता से सीधे नहीं वसूला जाता, बल्कि किसी अन्य माध्यम से आम जनता से वसूला जाता है, उसे अप्रत्यक्ष कर कहते हैं. इसमें उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, जीएसटी शामिल हैं.
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