नई दिल्ली। नई दिल्ली के यशोभूमि में भारत मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 में आयोजित राज्यों के आईटी मिनिस्टर्स की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व करते हुए मंत्री ओपी चौधरी ने संबोधित किया। मंत्री चौधरी ने केंद्र और राज्य द्वारा दूरसंचार अधोसंरचना के समन्वित विकास को सहकारी संघवाद का श्रेष्ठ उदाहरण बताते हुए प्रदेश में मोबाइल नेटवर्क के विस्तार की आवश्यकता, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश के अवसर, साइबर सुरक्षा, डाटा सेंटर और सूचना प्रौद्योगिकी में नवीन तकनीकों के प्रोत्साहन पर बल दिया।


दूरसंचार मंत्री भारत सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में चौधरी द्वारा अवगत कराया गया छत्तसीगढ़ शासन राज्य में दूरसंचार अधोसंरचना के तीव्र विकास के लिए प्रतिवद्ध है और इसी अनुक्रम में छत्तीसगढ़ ने भारत सरकार द्वारा जारी राइट ऑफ वे (रो) नियम, 2024 को औपचारिक रूप से अधिसूचित कर 1 जनवरी 2025 से राज्य में प्रभावी कर दिया गया है। साथ ही छत्तीसगढ़ ने केंद्रीय रो पोर्टल पर ऑनबोर्ड होने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद (लवे) प्रभावित क्षेत्रों में दूरसंचार विस्तार को निरंतर प्राथमिकता दी जा रही है। लगभग 1,600 टावर राज्य के कम जनसंख्या घनत्व वाले और सुरक्षा-संवेदनशील जिलों में स्थापित किए जा रहे हैं।
राज्य की भौगोलिक एवं भू-राजनैतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मोबाइल नेटवर्क के विस्तार के लिए संचालित वर्तमान योजनाओं (लवे फेज । एवं ॥, एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स, 4ग सैचुरेशन) के लिए निर्धारित मानदंडों में विशेष श्रेणी के रूप में छत्तीसगढ़ के लिए शिथिलता (रिलेक्सेशन) प्रदान करने का अनुरोध किया, जिससे छत्तीसगढ़ राज्य के वामपंथी उग्रवाद (लवे) प्रभावित क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी का विस्तार संभव हो सके।
साथ ही नेटवर्क विस्तार की आगामी योजनाओं (जैसे “धरती आबा योजना) के अंतर्गत प्रदेश हेतु अतिरिक्त टावरों की स्वीकृति देने एवं छत्तीसगढ़ राज्य के लिए नेटवर्क विस्तार की विशेष नई योजना के निर्माण पर भी बल दिया। राज्य के वामपंथी उग्रवाद से ग्रसित दूरस्थ वनांचलों में जहां मोबाइल नेटवर्क का विस्तार अत्यधिक कठिन है वहां सैटेलाइट के माध्यम से नेटवर्क उपलब्ध कराये जाने की नवीन योजना की स्वीकृति की आवश्यकता से अवगत कराया।
डिजिटल भारत निधि अंतर्गत संचालित भारतनेट परियोजना फेस-।।। के अंतर्गत प्रदेश की 5,659 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ द्वारा प्रेषित आरएस3,761.15 करोड़ के प्रस्ताव पर भी शीघ्र स्वीकृति का आग्रह किया। जिससे ये सभी ग्राम पंचायत टेलीमेडिसिन, ई गवर्नेस, डिजिटल पेमेंट जैसी डिजिटल क्रांति से जुड़ सकें एवं प्रधानमत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का डिजिटल इंडिया का स्वप्न साकार हो सके ।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्थापित किये जा रहे अत्याधुनिक स्टेट डाटा सेण्टर एवं मैनेज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशन सेण्टर की पहलों से अवगत कराया । श्री चौधरी द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश अपनी विशिष्ट विशेषताओं जैसे सिस्मिक जोन ॥ वर्गीकरण, केंद्रीय भौगोलिक स्थिति, सरप्लस विद्युत उपलब्धता एवं आकर्षक निवेश नीति के कारण देश में डाटा सेण्टर स्थापित करने के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। रैंक बैंक डाटा सेंटर्स ने रायपुर में भारत का पहला एआई-ऑप्टिमाइज्ड डेटा सेंटर पार्क लॉन्च किया है, जिसमें प्रारंभिक निवेश आरएस1,000 करोड़ है, जो पांच वर्षों में आरएस3,000 करोड़ तक बढ़ सकता है। यह सुविधा 13.5 एकड़ में फैली है, 80 एम डब्लू क्षमता प्रदान करती है और इसमें 1 लाख जीपीयू होंगे, जिससे 500 से अधिक उच्च-कुशल रोजगार सृजित होंगे।
साथ ही ईएसडीएस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस ने रायपुर में एक उन्नत एआई-आधारित डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए आरएस600 करोड़ का निवेश प्रस्तावित किया किया है। अतः केंद्र सरकार, सार्वजानिक उपक्रम एवं अन्य राज्य सरकारों को छत्तीसगढ़ प्रदेश में अपने डिजास्टर रिकवरी डाटा सेंटर्स स्थापित करने के के लिए आमंत्रित किया। साथ ही अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार सभी डाटा सेंटर इंस्टेंट के प्रस्तावों को सिंगल विंडो के माध्यम से सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कृतसंकल्पित है।
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