India-Pakistan Tension: पहलगाम आतंकवादी हमले (Pahalgam terror attack) को लेकर भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच अटारी-वाघा बॉर्डर (Attari – Wagah Border) गुरुवार को पूरी तरह से बंद कर दी गई। वहीं इस दौरान पाकिस्तान की शर्मनाक करतूत सामने आई है। पाकिस्तान ने अपने ही नागरिकों को अपनाने से इनकार कर दिया। गुरुवार को अटारी-वाघा बार्डर पूरी तरह बंद होने के कारण 70 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा पर देर शाम तक पाकिस्तान की तरफ से गेट खुलने का इंतजार करते रहे। लेकिन पाकिस्तान ने अपने लोगों के लिए भी गेट नहीं खोला।
वहीं तनाव के बीच इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के 22 सदस्यों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है। इनमें तीन राजनयिक भी शामिल हैं। ये सभी राजनयिक अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौटे हैं। भारतीय राजनयिकों के वापस लौटने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के 22 सदस्य भारत लौट आए हैं, जिनमें तीन राजनयिक भी शामिल हैं।
बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादिय़ों ने हमले कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी। आतंकियों ने टारगेट किलिंग करते हुए धर्म पूछकर 25 हिंदू पर्यटकों की हत्या की थी। भारत का कहना है कि इस हमले की योजना पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों ने बनाकर अंजाम दिया है। इसे लेकर भारत ने एक्शन लेते हुए ताबड़तोड़ कई पाबंदियां पाकिस्तान पर लगाए है। वहीं भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानियों को गुरुवार (1 मई) तक भारत छोड़ने का फरमान जारी किया था।
गुरुवार को अटारी-वाघा बार्डर पूरी तरह बंद होने के कारण 70 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा पर देर शाम तक पाकिस्तान की तरफ से गेट खुलने का इंतजार करते रहे। लेकिन पाकिस्तान ने अपने लोगों के लिए भी गेट नहीं खोला। अधिकारियों के मुताबिक कई भारतीय नागरिक पाकिस्तान की तरफ भी फंसे हुए हैं।
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जबकि बुधवार को बॉर्डर सील होने से 24 घंटे पहले 125 पाकिस्तानी नागरिक सीमा पार कर गए थे, जिससे गुरुवार से अब तक कुल 1,000 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक भारत से वापस पाक लौट गए है। इनमें राजनयिक और सहायक कर्मचारी भी शामिल हैं। हालांकि गुरुवार दोपहर को बॉर्डर सील किए जाने के कुछ ही देर बाद वहां नाटकीय स्थिति उत्पन्न हो गई। भारतीय आव्रजन द्वारा सीमा पार भेजे गए कुछ पाकिस्तानी नागरिक बॉर्डर पार नहीं कर सके। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने नागरिकों के लिए गेट खोलने से इनकार कर दिया। हालांकि, गेट बंद क्यों हुआ यह साफ नहीं है।
कई भारतीय नागरिक पाकिस्तान की तरफ भी फंसे
अधिकारियों के मुताबिक, कई भारतीय नागरिक पाकिस्तान की तरफ भी फंसे हुए हैं। गुरुवार को श्रीनगर पुलिस द्वारा डिपोर्ट की गईं दो सगी बहनें सईदा सगीर फातिमा (67) और सईदा जमीर फातिमा (64) सरहद पार जाने को तैयार नहीं थीं, क्योंकि उनका वहां पर न तो कोई रिश्तेदार है न ही कोई घर अथवा जमीन जायदाद।
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पाक जाएंगे तो रोटी के भी पड़ेंगे लाले
पाकिस्तान जाने वालों में 30 के करीब वे लोग हैं, जो वहां बेहद गरीबी के दौर से गुजरते हैं। रोजी-रोटी कमाने के लिए वैध तरीके से राजस्थान में आकर यहां काम कर परिवार चलाते हैं। इनमें शामिल गनेश ने बताया कि वे लोग दो महीने पहले आए थे। पाकिस्तान में तो सिर छिपाने की न तो जगह है न ही रोजी-रोटी का साधन। हिंदू होने के नाते उनके लिए और दिक्कतें हैं। अब तो उनके सामने परिवार पालने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
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