India Rejects China Mediation Claim In India-Pakistan Ceasefire: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रेय लेने की राजनीति तेज हो गई है। पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 25 से ज्यादा बार युद्ध रुकवाने का दंभ भरा। अब चीन (China) ने संघर्षविराम में मध्यस्थता का दावा किया है। हालांकि सीजफायर पर फड़फड़ा रहे चीन का पंख पकड़कर भारत ने ऐसा पटका है कि नानी याद आ गई।
भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने स्पष्ट किया कि संघर्षविराम दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के बीच सीधे बातचीत से तय हुआ था और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।
सूत्रों के मुताबिक भारत के अधिकारियों ने कहा कि हम पहले ही ऐसे दावों का खंडन कर चुके हैं। हमारा रुख बार-बार साफ किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच सीधे बातचीत से तय हुआ था। इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। 19 सितंबर 2025 को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इसी तरह की बात दोहराई थी। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है और भारत इस रुख पर पहले भी स्पष्ट रहा है और आगे भी रहेगा।
चीन ने बेतुका दावा करते हुए क्या कहा था
दरअसल चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दावा करते हुए कहा था कि चीन ने मई में भारत-पाकिस्तान तनाव में मध्यस्थता की थी। बीजिंग में अंतर्राष्ट्रीय स्थिति और चीन के विदेश संबंधों पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए वांग ने कहा कि दुनिया में संघर्षों और अस्थिरता में तीव्र वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि इस साल पहले की तुलना में स्थानीय युद्ध और सीमापार संघर्ष अधिक बार देखे गए हैं। भू-राजनीतिक उथल-पुथल लगातार बढ़ती जा रही है। वांग ने कहा कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के समाधान में न्यायसंगत रुख अपनाया है और इसके लक्षणों और मूल कारणों दोनों के समाधान पर ध्यान दिया है। वांग ने आगे कहा कि विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए हमने उत्तरी म्यांमार, ईरान के परमाणु मुद्दे, पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव, फिलिस्तीन और इजरायल के बीच मुद्दों के अलावा कंबोडिया और थाईलैंड के बीच हुए हालिया संघर्ष में मध्यस्थता की।
4 दिनों तक चला था भारत-पाकिस्तान युद्ध
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में हमला कर टारगेट किलिंग करते हुए 25 हिंदुओं समेत 26 लोगों की हत्या कर दी थी। यह पहली बार हुआ था, जब आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर लोगों की हत्या की थी। आतंकियों के निशाने पर सिर्फ हिंदू थे। इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया था। इसके बाद 7 मई 2025 को भारती सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया था। भारत की इस कार्रवाई में सैकड़ों आतंकी मारे गए थे। भारतीय हमले के जवाब में पाकिस्तान ने भी पलटवार किया और चीनी हथियारों के दम पर भारत पर हमले किए थे। इसके जवाब में भारत ने कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई एयर डिफेंस सिस्टम और एयर स्ट्रिप को मिट्टी में मिला दिया था।
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