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ATP 250 tennis tournament. भारत में होने वाले एकमात्र एटीपी 250 टेनिस टूर्नामेंट (ATP 250 tennis tournament) की मेजबानी छीन ली गई है. इससे भारतीय टेनिस को करारा झटका लगा है. यह टूर्नामेंट भारत में 1996 से हो रहा था. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से इसका आयोजन टाटा ओपन महाराष्ट्र के नाम से किया जा रहा था. महाराष्ट्र राज्य लॉन टेनिस एसोसिएशन (MSLTA) के सचिव सुंदर अय्यर और टूर्नामेंट निदेशक प्रशांत सुतार ने कहा कि आईएमजी और राइज वर्ल्डवाइड के साथ करार खत्म हो गया है. एमएसएलटीए ने पांच वर्षों तक टूर्नामेंट के सफल आयोजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी की.
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बात दें कि, तमिलनाडु टेनिस एसोसिएशन ने 13 वर्षों के बाद जब एटीपी 250 टूर्नामेंट की मेजबानी छोड़ने का फैसला लिया तो एमएसएलटीए ने 2018 में इसे देश से बाहर जाने से बचाया. यह टूर्नामेंट एमएसएलटीए, महाराष्ट्र सरकार और रिलायंस ग्रुप की पहल आईएमजी एंड राइज वर्ल्डवाइड के बीच एक समझौता था. अय्यर ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और हमारे प्रायोजक टाटा ने महाराष्ट्र में टेनिस को बढावा देने के लिए सहायता का वादा किया है. जब भी किसी बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका मिलेगा जो खिलाड़ियों और भारतीय टेनिस के हित में होगा.
अय्यर और सुतार ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को होने वाले फायदे के संदर्भ में देखें तो यह बहुत बड़ा नुकसान नहीं है. अपनी निचली रैंकिंग के कारण भारतीय खिलाड़ी इसमें वाइल्ड कार्ड पर खेलते हैं. टूर्नामेंट में पिछले पांच सत्रों में 1250 रैंकिंग अंक मिले और भारतीय खिलाड़ी 80 ही ले सके. वे कभी दूसरे दौर के आगे नहीं गए. ऐसे में इस तरह के बड़े टूर्नामेंट की बजाय चैलेंजर टूर्नामेंट बेहतर होते हैं. चैलेंजर टूर्नामेंट खेलकर ही युकी भांबरी 2015 में शीर्ष-100 में पहुंचे. बेंगलुरु चैलेंजर जीतकर सुमित नागल और प्रजनेश गुणेश्वरन का करियर परवान चढा.