Trump Putin Meeting News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने का नया फार्मूला पेश किया है. पहले उन्होंने कहा था कि अगर पुतिन युद्धविराम पर सहमत नहीं हुए तो उन्हें मंजूर नहीं होगा. लेकिन अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात और यूरोपीय नेताओं से बातचीत के बाद उनका रुख बदल गया. अब ट्रंप का कहना है कि युद्ध को खत्म करने का असली रास्ता ‘पीस डील’ है, न कि केवल युद्धविराम. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि सोमवार को वॉशिंगटन डीसी में उनकी मुलाकात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से होगी. ट्रंप ने यहां तक संकेत दिया कि हालात ठीक रहे तो उनकी एक और बैठक पुतिन से भी हो सकती है.

अलास्का वार्ता का भारत ने किया स्वागत

विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, ‘भारत, अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुए शिखर सम्मेलन का स्वागत करता है. शांति की दिशा में उनके नेतृत्व की सराहना की जाती है. भारत इस शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है. आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से ही निकल सकता है. विश्व यूक्रेन संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहता है.’

यूक्रेन के लिए ‘आर्टिकल 5 जैसे सुरक्षा गारंटी’ पर चर्चा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में यूक्रेन को लेकर बड़ी चर्चा सामने आई है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, नेताओं ने यूक्रेन को ‘आर्टिकल 5 टाइप’ सुरक्षा गारंटी देने पर विचार किया, जो किसी संभावित शांति समझौते के बाद लागू हो सकती है. हालांकि इसमें NATO की औपचारिक भागीदारी नहीं होगी. आर्टिकल 5, नाटो देशों की सामूहिक रक्षा संधि को संदर्भित करता है, जिसके तहत किसी सदस्य देश पर हमला सभी पर हमला माना जाता है. लेकिन फिलहाल इस प्रस्ताव के सटीक ब्योरे सामने नहीं आए हैं. इस बीच जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की सहमति से फैसला हो. उन्होंने कहा कि, यूरोप और अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी दें. रूस पर दबाव बनाना जरुरी है.

यूरोपीय नेताओं ने भी ट्रंप की कोशिशों का स्वागत किया

यूरोपीय नेताओं ने भी ट्रंप की कोशिशों का स्वागत किया. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत कई नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अगला कदम ‘आगे की बातचीत’ होनी चाहिए, जिसमें जेलेंस्की भी शामिल हों. इस बीच, एक यूरोपीय अधिकारी ने CNN को बताया कि ट्रंप के साथ बातचीत में यूक्रेन के लिए ‘आर्टिकल 5 जैसे सुरक्षा गारंटी’ पर चर्चा हुई. हालांकि इसमें NATO औपचारिक रूप से शामिल नहीं होगा. इन गारंटियों का मकसद यह होगा कि शांति समझौते के बाद अगर रूस दोबारा हमला करे तो यूरोप और अमेरिका मिलकर यूक्रेन का साथ देंगे.

फिलहाल इस प्रस्ताव के सटीक विवरण सामने नहीं आए हैं. यूरोपीय देश ‘रियाश्योरेंस फोर्स’ पर भी विचार कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि यह अमेरिकी समर्थन के बिना संभव नहीं है. यूरोपीय नेताओं ने साफ किया कि यूक्रेन की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘रूस को यूक्रेन की यूरोपीय संघ और NATO में जाने की राह पर veto का हक नहीं है.’

ट्रंप खुद यूक्रेन की रक्षा के लिए अमेरिकी सैनिकों या संसाधनों को समर्पित करने से हिचक रहे हैं. दूसरी ओर, यूरोपीय देशों ने एक ‘रियाश्योरेंस फोर्स’ की पेशकश की है, लेकिन उनका कहना है कि यह व्यवस्था अमेरिकी समर्थन के बिना संभव नहीं है.

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “सभी नेताओं ने माना कि रूस और यूक्रेन के बीच इस भयानक युद्ध को खत्म करने का सही रास्ता सीधे शांति समझौता है. महज संघर्षविराम टिकाऊ नहीं होता.” उन्होंने यह भी पुष्टि की कि सोमवार को वॉशिंगटन डीसी में ओवल ऑफिस में उनकी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात होगी. ट्रंप ने यहां तक इशारा किया कि आगे राष्ट्रपति पुतिन के साथ भी एक बैठक तय की जा सकती है.

फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने तीन-तरफा मुलाकात की संभावना जताई, हालांकि क्रेमलिन के एक शीर्ष सहयोगी ने इस विचार पर ठंडा रुख दिखाया. यूरोपीय नेताओं और नाटो महासचिव मार्क रुट्टे से देर रात फोन पर हुई बातचीत का भी ट्रंप ने जिक्र किया और अलास्का सम्मेलन को “बेहद सफल दिन” बताया.

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