नई दिल्ली। भारत में 70 सालों के अंतराल के बाद पहली बार चीतों ने कदम रखा है. अफ्रीका के देश नामिबिया से लाए गए पांच मादा और तीन नर चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो अभयारण्य में रखा गया है. लेकिन भारत इस प्रजाति को देश में स्थापित करने के लिए केवल इन्हीं चीतों पर निर्भर नहीं रहने वाला है. आने वाले सालों में अफ्रीका से और चीतें आएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 72वें जन्मदिन पर अफ्रीका से लाए गए आठ चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो अभयारण्य में छोड़ा. इसके साथ ही बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा कि क्या इतने चीते पर्याप्त होंगे पूरी प्रजाति को देश में स्थापित करने के लिए. इस पर नामिबिया से चीतों के लेकर आने वाले चीता कन्सर्वेशन फंड की कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर ने बताया कि आने वाले सालों में भारत में और चीते आएंगे.

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लॉरी ने बताया कि और चीतों को लाने के लिए दक्षिण अफ्रीका से चर्चा चल रही है. इसके अलावा नामिबिया आने वाले दिनों में और चीतें भारत भेजेगा. उन्होंने बताया कि भारत में बसाए जाने के लिहाज से लाए गए आठ चीते इकलौती बड़ी आबादी थी, आने वाले सालों में हमें और चीते लाने पड़ेंगे.

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