अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा 50%टैरिफ लगाए जाने के बावजूद भारत अपने पड़ोसी देश रूस से तेल की खरीद जारी रखे हुए है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन एएस साहनी ने गुरुवार को इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी के बावजूद भारत ने रूस से तेल आयात पर रोक नहीं लगाई है। आर्थिक कारणों से पूरी तरह खरीद जारी है। उन्होंने कहा कि रूसी तेल की खरीद किसी राजनीतिक दबाव में नहीं, बल्कि कीमत और गुणवत्ता को देखते हुए की जाती है।

भारत कितना तेल खरीदेगा, यह मिलने वाली छूट पर निर्भर

साहनी ने कहा कि भारत रूस से कितना तेल खरीदेगा, यह वहां मिलने वाली छूट पर निर्भर करता है। पहले रूस के ‘यूरल्स’ क्रूड पर हर बैरल पर लगभग 40 डॉलर की छूट मिलती थी, लेकिन पिछले महीने यह घटकर सिर्फ 1.5 डॉलर रह गई, जिससे तेल की खरीद भी कम हो गई। अब यह छूट थोड़ी बढ़कर करीब 2.70 डॉलर हो गई है। उन्होंने यह भी साफ किया कि न तो रूसी तेल की खरीद को बढ़ाने की कोई खास कोशिश हो रही है, और न ही इसे घटाने की। अप्रैल से जून 2024 की तिमाही में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की कुल रिफाइनिंग में रूसी तेल की हिस्सेदारी 22 से 23 प्रतिशत रही।

केवल आर्थिक आधार पर तय होगी तेल खरीद

2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों की ओर से रूस के तेल पर प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद भारत उसका सबसे बड़ा ग्राहक बन गया था। साहनी ने यह भी कहा कि रूसी कच्चे तेल पर कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं है और भारत ने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। पिछले हफ्ते ट्रंप ने भारत से अमेरिका जाने वाले सामान पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की। इससे कुल टैरिफ 50% हो जाएगा। यह कदम रूस से भारत के निरंतर तेल आयात के चलते उठाया गया है। इससे अमेरिका को होने वाले भारत के 40 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ सकता है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि तेल खरीद केवल आर्थिक आधार पर तय होगी।

छूट घटने पर कम हुआ था तेल आयात

इस बीच, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निदेशक (वित्त) वेटसा रामकृष्णा गुप्ता ने बताया कि पिछले महीने छूट घटने से आयात कम हुआ था। पहली तिमाही में बीपीसीएल की कुल तेल खरीद में रूसी तेल की हिस्सेदारी 34 फीसदी रही। उन्होंने कहा कि जब तक तेल खरीदने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगता यह अनुपात 30-35 फीसदी के बीच बना रहेगा।

पुतिन की मुलाकात से पहले ट्रंप ने भारत को फिर दी धमकी

गौरतलब है कि, अमेरिका ने एक बार फिर भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। अमेरिका ने कहा है कि अगर यूक्रेन में युद्धविराम पर डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सहमति नहीं बनती है तो हम भारत पर शुल्क बढ़ा देंगे। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर सेकेंडरी टैरिफ बढ़ाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि टैरिफ पर फैसला शुक्रवार को अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच होने वाली बैठक के नतीजों पर निर्भर करेगा।

शुक्रवार को होगी बैठक

बता दें कि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार, 15 अगस्त को बैठक होनी है। इससे यूक्रेन में तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे युद्ध के रुकने की उम्मीद बढ़ी है। ट्रंप और पुतिन की अलास्का में होने वाली अहम बैठक पर दुनिया की नजर है। हालांकि अमेरिकी नेताओं की ओर से अलग-अलग बयान भी आ रहे हैं।

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