नई दिल्ली। भारत अब पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। 14 मई 2025 को, भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़े आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ ठोस सबूत पेश करेगा।
सूत्रों के अनुसार, भारत इस बैठक में आतंकवादी प्रतिबंध समिति के समक्ष टीआरएफ के खिलाफ अपने सबूत प्रस्तुत करेगा। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल 2025 को, टीआरएफ के सदस्यों ने पहलगाम में छुट्टियां मना रहे 26 सैलानियों की धर्म पूछकर हत्या कर दी थी।
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टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेगा भारत
इससे पहले, भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार 13 मई 2025 को ही बता दिया था कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लश्कर-ए-तैयब्बा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेगा। यह वही आतंकवादी संगठन है, जिसने पहलगाम में 26 निर्दोष सैलानियों की जान ली है। हालांकि, बाद में यह संगठन पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने से मुकर गया था।
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पाकिस्तानी डीजीएमओ ने की थी संघर्षविराम की पहल
अपने साप्ताहिक प्रेसवार्ता में विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के डीजीएमओ की ओर से सीजफायर के लिए कब और कैसे बातचीत की पहल की गई। पाकिस्तानी डीजीएमओ की पहल पर भारत ने किस तरह और किन शर्तों पर संघर्षविराम करने पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर के मामले में तीसरे पक्ष की दखल को भारत कभी मंजूरी नहीं देता। भारत-पाकिस्तान खुद इस मसले को आपस में सुलझाएंगे।
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आतंकी प्रतिबंध समिति में टीम भेजेगा भारत
द इकोनॉमिक टाइम्स ने खबर दी है कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आतंकी प्रतिबंध समिति में एक टीम भेजने का फैसला किया है, जिसकी बैठक इस सप्ताह होने वाली है। भारत ने यह फैसला इसलिए किया है, ताकि टीआरएफ को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया जा सके और इसके सदस्यों पर प्रतिबंध और यात्रा प्रतिबंध लगाए जा सकें।
पाकिस्तान की भूमिका: चीन का समर्थन
रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय दल आतंकवाद में पाकिस्तान की मिलीभगत को उजागर करने वाले नए सबूत पेश करेगा। ये सबूत 22 अप्रैल 2025 के हमले में टीआरएफ की भूमिका पर केंद्रित होंगे, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान, जो UNSC का अस्थायी सदस्य है, चीन की मदद से टीआरएफ को सुरक्षा परिषद में बचाने की कोशिश कर रहा है। टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी दो बार ली है।
इस प्रकार, भारत की यह पहल आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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