दिल्ली. टोक्यो में 23 जुलाई से ओलंपिक में होने वाले खेलों का आगाज होने वाला है. कुछ खिलाड़ियों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ जाने के बाद से ही बांकी खिलाड़ियों को लेकर खतरा बढ़ता ही जा रहा है. जिसके बाद अब भारतीय ओलंपिक संघ ने एक बेहद ही अहम फैसला लिया है.
बता दें कि भारतीय ओलंपिक संघ ने उद्घाटन समारोह के लिए 50 से कम सदस्य को भेजने का निर्णय लिया है. ओपनिंग सेरेमनी के लिए कम सदस्य भेजने वाला भारत अकेला देश नहीं है. कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर दूसरे देश भी ऐसा ही कदम उठा रहे हैं. ग्रेट ब्रिटेन से भी सिर्फ 30 ही एथलीटों को उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के लिए इजाजत दी गई है.
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माना ये भी जा रहा है कि उद्घाटन समारोह में कोरोना का खतरा ज्यादा है. इसी वजह से एथलीटों को कोरोना से बचाने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ ने यह फैसला लिया है. भारत के 50 से कम सदस्य वाली जो टीम उद्घाटन समारोह में रहेगी उसमें एथलीट्स और ऑफिशियल दोनों शामिल होंगे.
खिलाड़ियों की सुरक्षा है प्राथमिकता
मीडिया को इस निर्णय के पुष्टि भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने की है. राजीव मेहता ने बताया है कि ”कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए हम ओपनिंग सेरेमनी के लिए 50 से कम सदस्यों की टीम को भेज रहे हैं. हमारी प्राथमिकता खिलाड़ियों की सुरक्षा है.”
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पिछले कई दिनों से जापान की राजधानी टोक्यो में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. टोक्यो में फिलहाल स्टेट एमरजेंसी लगी हुई है. स्टेट एमरजेंसी लगाने के साथ ही एलान कर दिया गया था, कि इस साल ओलंपिक खेलों का आयोजन मैदान पर बिना दर्शकों के ही होगा.
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