रायपुर। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने देश भर में बढ़ती बेतहाशा महंगाई के बीच काला धन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने वार्षिक डाटा जारी किया है. जिसमें बताया गया कि साल 2020 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा बढ़कर 20 हजार 700 करोड़ रूपए हो गया है, जो पिछले 13 सालों में यह सबसे बड़ा उछाल है. विकास उपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विदेशी इन पैसों को लाकर भारतीय सभी लोगों के खाते में 15 हजार रूपए देने की बात करते थे, तब जबकि स्विस बैंक में भारतीयों का पैसा 6 हजार करोड़ से भी कम था.
विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार पर काला धन को लेकर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और पूरी भाजपा सत्ता में आने के पूर्व पूरे देश में घूम-घूम कर विदेशी बैंकों से भारतीयों का पैसा जिसे वे काला धन कहकर प्रचारित करते थे. तात्कालीन यूपीए सरकार को बदनाम करने कोई कसर नहीं छोड़ते थे. आज वही विदेशी बैंकों में भारतीयों और भारतीय फर्मों ने साल 2020 में खूब पैसे जमा किए. यहां तक कि ये पैसे भारत स्थित ब्रांचों और अन्य वित्तीय संस्थानों के जरिये भी भेजे गए हैं.
एक साल में 20 हजार 700 करोड़ पहुंचा
उन्होंने कहा कि साल 2020 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा बढ़कर 20 हजार 700 करोड़ रूपए से भी ज्यादा हो गया है, जबकि सिर्फ एक साल पहले 2019 के अंत का अनुमान लगाएं, तो स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 6,625 करोड़ रूपए था. कोरोना संक्रमण के बीच मोदी सरकार पूरे देश को जब आर्थिक रूप से कमजोर की स्थिति होना बता रही है. ऐसे समय में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा ऐतिहासिक बढ़ोतरी करना मोदी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है.
न खाऊंगा न खाने दूंगा का नारा का हुआ ऊल्टा
विकास उपाध्याय ने भाजपा के शीर्ष नेताओं पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को देश के लोगों को बताना चाहिए कि इन स्विस बैंकों में किनके पैसे जमा हुए हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मोदी ने जिस तरह से न खाऊंगा न खाने दूंगा का नारा दिया था. उसे वे मैं खाऊंगा और खाने दूंगा के रूप में परिवर्तित कर दिया है. इन स्विस बैंकों में भाजपा नेताओं के और उनके फर्म द्वारा कोरोना काल में कमाई गई काले धन को जमा करने का काम किया गया है.
स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा की हुई ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है और वे चुप क्यों हैं. क्या उन्होंने अब भ्रष्टाचार को शिष्टाचार के रूप में अपना लिया है ? देश की जनता आने वाले दिनों में एक-एक बात का हिसाब लेगी. आज यदि देश में महंगाई चरम सीमा पर है तो सबसे बड़ा कारण काले धन का है, जिस पर मोदी चुप्पी साधे बैठे हैं.