भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) स्वीडन के दौरे पर हैं, जहाँ वे 10 से 12 जून 2025 तक “इलेक्टोरल इंटीग्रिटी” पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. इस अवसर पर, उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत जैसे विशाल देश में चुनावों के संचालन की प्रक्रिया को साझा किया. प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने चुनाव में प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की. इस अवसर पर, उन्होंने गैर-निवासी भारतीयों और भारत के विदेशी नागरिकों के साथ समावेशी भागीदारी और नागरिक जुड़ाव के प्रति निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया. निर्वाचन आयोग ने बताया कि CEC कुमार ने प्रवासी भारतीयों को ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण प्रणाली और डाक मतपत्र प्रबंधन प्रणाली (ईटीपीबीएमएस) के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन जैसे कदमों के बारे में जानकारी दी, जो प्रवासी मतदाताओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे हैं.
विदेश में रह रहे भारतीयों से की बात
ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन पहुँचकर वहाँ के भारतीय समुदाय से संवाद किया. उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग चाहता है कि विदेश में रहने वाले भारतीय (NRI) और प्रवासी नागरिक (OCI) चुनावों में सक्रिय भाग लें. इसके लिए ऑनलाइन वोटर रजिस्ट्रेशन और ई-पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBMS) जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे विदेश में रहने वाले लोग आसानी से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें.
दुनिया को बताया भारत का चुनाव मॉडल
इस कॉन्फ्रेंस में श्री ज्ञानेश कुमार ने एक महत्वपूर्ण भाषण प्रस्तुत किया. उन्हें यह अवसर इसलिए मिला क्योंकि भारत चुनाव कराने के मामले में वैश्विक स्तर पर अग्रणी है. हमारे देश में चुनावों का आयोजन किस प्रकार विशाल पैमाने पर होता है और इसकी जटिलताएँ क्या हैं, इस विषय में विश्वभर के चुनाव आयोगों की गहरी रुचि है.
50 देशों के लोग ले रहे हिस्सा
यह कॉन्फ्रेंस “इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस” द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसमें स्वीडन के विदेश मंत्रालय, स्वीडिश इलेक्शन अथॉरिटी और ऑस्ट्रेलियाई इलेक्शन कमीशन का सहयोग भी शामिल है. इस कार्यक्रम में लगभग 50 देशों से 100 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं.
ज्ञानेश कुमार ने International IDEA के उच्च अधिकारियों से मुलाकात की, जिनमें महासचिव केविन केसस-ज़मोरा भी शामिल थे. इसके बाद, वे लगभग 20 देशों के मुख्य चुनाव आयुक्तों से बातचीत करेंगे, जिनमें यूके, नीदरलैंड, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, मेक्सिको, मंगोलिया और स्विट्ज़रलैंड शामिल हैं. यह संवाद भारत और अन्य देशों के बीच लोकतांत्रिक सहयोग को मजबूत करेगा. वे इंटरनेशनल IDEA की एशिया-प्रशांत निदेशक लीना रिक्किला तमंग, नामीबिया के चुनाव आयोग की अध्यक्ष डॉ. एल्सी टी. न्गिकेम्बुआ, और मॉरीशस के चुनाव आयुक्त अब्दूल रहमान मोहम्मद इरफान जैसे कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों से भी चर्चा करेंगे.
चुनावों में क्या-क्या हैं चुनौतियाँ?
स्टॉकहोम में आयोजित इस सम्मेलन में चुनाव आयोगों के प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारी और नेता वर्तमान समय में चुनावों के सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. इस चर्चा में गलत जानकारी, डिजिटल हस्तक्षेप, चुनाव सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं.
भारत की बड़ी भूमिका और IIIDEM
भारत, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, का International IDEA के साथ एक पुराना संबंध रहा है. यह देश हमेशा अपने नवोन्मेषी तरीकों और लोकतांत्रिक अनुभवों के माध्यम से वैश्विक समुदाय को प्रेरित करता रहा है. भारत का अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) चुनाव प्रबंधन में प्रशिक्षण और सम्मेलन आयोजित करने के लिए एक प्रमुख संस्थान के रूप में उभरा है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के साथ इस यात्रा में चुनाव आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं, जिनमें IIIDEM के महानिदेशक राकेश वर्मा, कानून विभाग के उप महानिदेशक विजय कुमार पांडे और प्रधान सचिव राहुल शर्मा शामिल हैं.
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