हेमंत शर्मा, भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर में वात्सल्य ग्रुप के 6 प्रोजेक्ट में प्लॉट खरीदने वाले 7 हजार लोग परेशान हो गए हैं। बिल्डर ने अब तक 6 प्रोजेक्ट में से एक का भी काम पूरा नहीं किया है और इसे अधिकारियों की तरफ से क्लीयरेंस भी दे दिया गया। यहां तक की रजिस्ट्रियों में भी रोक नहीं लग रही है। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने अपने पास प्लॉट को बंधक बना लिया था लेकिन उनकी नाक के नीचे इसे भी बेच दिया गया। अधिकारी की मदद से बंधक प्लॉट को बदल दिया गया और इसकी रजिस्ट्री कर दी गई। 

सात फेरे से पहले मिली सरकारी नौकरी: हाथ में मेहंदी लगाए दूल्हे का इंतजार कर रही थी दुल्हन, कलेक्टर ने सौंपा नियुक्ति पत्र 

दरअसल इंदौर में वात्सल्य ग्रुप के अध्यक्ष प्रफुल्ल गाडगे ने इंदौर में 6 प्रोजेक्ट शुरू किए थे। जिसमें से एक भी प्रोजेक्ट में अब तक काम पूरा नहीं हुआ है और प्रोजेक्ट को अधिकारियों की तरफ से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट भी दे दिया गया है। जबकि वात्सल्य ग्रुप के प्रोजेक्ट में अब तक डेवलपमेंट का काम कॉलोनी में पूरा नहीं हुआ है। जिसके कारण प्लॉट धारक अभी परेशान हैं। कई कॉलोनी में तो स्थिति यहां तक है कि वहां अभी भी खेत नजर आ रहे हैं। इस पूरे मामले में 7000 प्लाट धारक परेशान है। पीड़ित लगातार इंदौर कलेक्टर से शिकायत कर रहे हैं। लेकिन कई कलेक्टर बदले जाने के बाद भी वात्सल्य ग्रुप पर कोई भी कार्रवाई होती हुई नजर नहीं आई है। 

BJP विधायक ने कमलनाथ के चुनाव जीतने की क्यों की प्रार्थना ? जानिए बयान के सियासी मायने

जिला प्रशासन ने इस पर नकेल कसने की जगह अब उनकी साप्ताहिक मीटिंग भी बंद कर दी है। वात्सल्य ग्रुप लगातार जमीन की रजिस्ट्रियां करता नजर आ रहा है। रजिस्ट्रियां करने के पावर कंपनी के ग्रुप के अकाउंटेंट के पास है जो धड़ल्ले से रजिस्ट्री कर है। ऐसे में जिला प्रशासन वात्सल्य ग्रुप और रजिस्ट्री करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

सोना तस्करी का ऐसा तरीका: लेगिंग्स के अंदर छिपाकर सोना ला रही महिला Airport पर पकड़ाई, 20 लाख का गोल्ड बरामद

बता दें कि इसके पहले भी आरोप लगे थे कि जिला प्रशासन ने जिन प्लॉट को बंधक रखा है उन्हें भी वात्सल्य ग्रुप ने बेच दिया था। इसके बाद एक अधिकारी की मदद से बंधक प्लाटों को बदल जाने का काम भी कर दिया गया। हालांकि अब कंपनी के अध्यक्ष के पीछे भाजपा के एक बड़े नेता का हाथ बताया जा रहा है। जिसके चलते इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

सात फेरे से पहले मिली सरकारी नौकरी: हाथ में मेहंदी लगाए दूल्हे का इंतजार कर रही थी दुल्हन, कलेक्टर ने सौंपा नियुक्ति पत्र 

ग्रुप के डायरेक्टर प्रफुल्ल गाडगे के खिलाफ तेजाजी नगर में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज है जिसमें 30 हज़ार का इनाम पुलिस ने घोषित किया गया है। पर अब तक पुलिस भी उन्हें पकड़ने में असफल हुई है। अब आगे देखना होगा कि आखिर इस पर कार्रवाई कब होती है और 7000 प्लाट धारकों को न्याय कब मिलेगा। 

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
Read More:- https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H