हेमंत शर्मा,इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में मेघदूत उद्यान के सौंदर्यीकरण और विकास के नाम पर 2.5 करोड़ के भ्रष्टाचार मामले में 20 साल बाद बड़ी कार्रवाई हुई है. विशेष न्यायालय ने आरोपी तत्कालीन 3 पार्षद और तत्कालीन 6 अधिकारियों को 3 साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना लगाया है.

दरअसल साल 2003 में नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष छोटू शुक्ला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि तत्कालीन महापौर और परिषद के सदस्यों ने पूर्ण रूप से विकसित मेघदूत उद्यान के सौंदर्यीकरण और विकास के नाम पर ढाई करोड़ रुपए की योजना बनाई. जिसे बगैर शासन की अनुमति से षड्यंत्र पूर्वक छोटे-छोटे प्रस्ताव बनाकर अलग-अलग लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया है.

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शिकायत के बाद भ्रष्टाचार के मामले में धारा 13 (1)D, 13(2) PC Act. 1988 एवं धारा 471, 466, 218, 120B, भादवि. दर्ज किा गया. विशेष न्यायालय के सामने अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया. पूरे मामले में विशेष न्यायालय ने आरोपियों को 3 साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना लगाया है.

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इसमें आरोपी सुरेश कुमार जैन तत्कालीन सहायक शिल्पग, अमानुल्लाह खान तत्कालीन उद्यान अधीक्षक, राजेंद्र सोनी तत्कालीन पार्षद, केशव पंडित ठेकेदार मेघदूत कारपोरेशन, सूरज केरो तत्कालीन पार्षद, विद्यानिधि श्रीवास्तव तत्कालीन सीनियर ऑडिटर, ऋषि प्रसाद गौतम तत्कालीन सहायक संचालक, कैलाश यादव तत्कालीन पार्षद, जगदीश डगांवकर तत्कालीन नगर शिल्पग इंदौर शामिल है..

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