शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर में गंदा पानी पीने से मौत के मामले में एक्शन लिया गया है। सीएम डॉ मोहन यादव के निर्देश पर जोन क्रमांक 4 के जोनल अधिकारी, सहायक यंत्री को निलंबित किया गया है। उपयंत्री को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया गया है। वहीं इस मामले में जांच समिति की गठित की गई है।

इन पर गिरी गाज

इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि भागीरथपुरा मामलें में जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले, सहायक यंत्री योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही प्रभारी उपयंत्री पीएचई शुभम श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया गया है।

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जांच समिति गठित

इसके अलावा इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समिति आईएएस नवजीवन पंवार के निर्देशन में जांच करेगी। जांच समिति में प्रदीप निगम, सुप्रिडेंट इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को भी शामिल किया गया है।

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सीएम ने जताया दुख, सहायता राशि का ऐलान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर दुख जताया हैं। उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते इलाजरत प्रभावितों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की हैं। साथ ही सीएम ने मृतकों के परिवारजनों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान भी किया है। उन्होंने कहा कि सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। स्थिति पर नजर रखने और प्रभावी कार्रवाई के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

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क्या है मामला ?

गौरतलब है कि इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लोग उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत कर रहे थे। जांच में पता चला कि नर्मदा जल की मुख्य पाइपलाइन में लीकेज था, जो पुलिस चौकी के पास सार्वजनिक शौचालय के नीचे से गुजर रही थी। इससे गंदा पानी सीधे पीने के पानी में मिल गया। जिसके चलते तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें एक बुजुर्ग और दो महिलाएं शामिल हैं। 100 से ज्यादा लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि हजार से ज्यादा लोगों में हल्के लक्षण दिखे हैं। वहीं नगर निगम की टीम ने मौके पर खुदाई कर लीकेज का पता लगाया और उसे ठीक किया। फिलहाल इलाके में टैंकर से पानी सप्लाई शुरू की गई है।

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