वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरणकांड में निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा प्राप्त आरोपियों को हाई कोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी. इसके साथ ही मामले की सुनवाई कर रहे हाई कोर्ट के जस्टिस रविंद्र अग्रवाल ने पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाने पर पुलिस को फटकार लगाई. इसे भी पढ़ें : एक्सक्लूसिव : धान के बोरे में मिट्टी और भूसी!, राजधानी से सटे मंडी में जानिए कैसे खेला जा रहा बड़ा खेल…

उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरणकांड में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर गुरुवार को हाई कोर्ट के जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. आरोपियों के वकील ने तर्क दिया कि ठोस सबूतों के बगैर आजीवन कारावास की सजा उचित नहीं है. वकील ने कहा कि पुलिस अपराध साबित करने में नाकाम रही है. यही नहीं विवादित तरीके से संपत्तियां की बरामदगी बताई है. यहां तक आरोपी की खुद की गाड़ी की जब्ती बनाकर रिकवरी बताई. इसके अलावा बाकी की संपत्ति की पहचान नहीं कराई गई.

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मिली थी आजीवन कारावास की सजा

बता दें कि आठ जनवरी 2020 को उद्योगपति प्रवीण सोमानी का सिलतरा स्थित अपनी फैक्टरी के लिए रवाना होते समय अपहरण कर लिया था. इस अपहरण कांड में गिरफ्तार छह आरोपितों अनिल चौधरी, मुन्ना नाहक उर्फ कालिया, शिशिर स्वाइन, प्रदीप भुइंया, तूफान गौर और आफताब अंसारी को 16 अगस्त 2023 को रायपुर जिला अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश लीलाधर साय यादव ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.