पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस महामंत्री प्रियंका गांधी के ट्वीट को रिट्वीट कर रोजगार के मुद्दे पर नसीहत दी थी. इस ट्वीट के बाद छत्तीसगढ़ में सियासत शुरु हो गई है. अब कांग्रेस ने रमन पर पलटवार करते हुए कहा है कि बेरोजगारो के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सत्ता जाने के बाद से ही फुर्सत में रमन सिंह को आज कल ट्विटर पर चिड़िया उड़ाने का नया शौक लगा है. चिड़िबाजी के इस शौक में रमन सिंह अपने शासन काल के उन काले दिनों को भूल गए, जब राज्य में बेरोजगारी चरम पर थी. छत्तीसगढ़ के युवा भूले नहीं है कि किस प्रकार रमन राज के 15 साल में सरकारी नौकरियो पर भर्तियों पर अघोषित रोक लगी थी. 15 सालों में रमन सिंह पीएससी की 15 परीक्षाएं भी नहीं करवा पाए थे. 2003 के चुनाव में रमन सिंह और भाजपा ने वायदा किया था हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी देंगे.

भाजपा ने 2003 में ही यह भी वायदा किया था कि हर बेरोजगार को 500 रु सरकारी भत्ता देंगे. रमन सिंह 15 साल तक सरकार में रहे न आदिवासी परिवार के युवकों को सरकारी नौकरी मिली न छत्तीसगढ़ के युवाओं को 500 का वह बेरोजगारी भत्ता. 45000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली थे. उच्चशिक्षा में प्रोफेसर प्राध्याको के पद खली थे. स्वास्थ्य विभाग के 70 फीसदी पद खली थे कभी रमन सिंह ने नहीं भरा. कांग्रेस की सरकार आने के बाद इन पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू हुई है. शुक्ला ने कहा कि सत्ता जाने के बाद रमन को बेरोजगारो की याद आ रही है.

कांग्रेस महा सचिव को प्रियंका गांधी को ट्यूट कर बेरोजगारो की चिंता की सलाह देने के बजाय रमन सिंह यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करने का साहस दिखाते तो शायद बेरोजगारों का जादा भला होता. मोदी को याद दिलाते की उन्होंने 2014 में युवाओं से वादा किया था कि उनकी सरकार बनने के बाद हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरियां देंगे, मोदी को सत्ता में आये 6 साल से अधिक हो गए अभी तक 12 करोड़ से अधिक लोगो को नौकरियां मिलना था. लोगों को नौकरियां तो नहीं मिली उल्टे नोटबंदी और जीएसटी जैसी विध्वंसक योजनाओं के कारण करोड़ों लोगों के रोजगार चले गए. फैक्ट्रियां बन्द हो गई. रेलवे जैसे सरकारी उपक्रमों में छटनियां हो रही है. देश में आजादी के बाद बेरोजगारी का स्तर सबसे ऊंचा है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के नाते रमन सिंह को अपने दल की केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार देने के संबंध में आगाह करें. जब केंद्र सरकार देश भर के गरीबों को रोजगार देने गरीब रोजगार कल्याण अभियान चला रही थी और इस कार्यमक्रम में छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं किया गया, तब रमन सिंह को राज्य के बेरोजगारों की याद नही आई तब भी उन्होंने छत्तीसगढ़ को शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री को न ट्वीट किया न पत्र लिखा. प्रधानमंत्री मोदी ने पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में स्वरोजगार के लिए वेंडर मीट कार्यक्रम किया रमन सिंह ने इसमें छत्तीसगढ़ को शामिल करने क्यों नहीं कहा ?