रायपुर। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने बीते सोमवार को महानदी मंत्रालय भवन में कृषि, जल संसाधन, बीज निगम, विद्युत मण्डल के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर रबी सीजन की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने राज्य में प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम में पेयजल, निस्तारी जल की कमी और गिरते भू-जल स्तर पर चिंता जताई.

प्रदेश में ग्रीष्मकालीन धान के रकबे में कमी लाने और इसके बदले कम पानी की आवश्यकता वाली वैकल्पिक या लाभकारी फसलों जैसे दलहन, तिलहन, साग-सब्जी आदि लेने के लिए किसानो को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए. मंत्री चौबे ने अधिकारियों को रबी मौसम में गेंहूं, चना, उड़द, मक्का, तिल, रागी आदि फसलो के उत्पादन का संभाग एवं जिला स्तर पर कार्यक्रम तैयार कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के भी निर्देश दिए. बैठक में उन्होंने संचालक कृषि एवं बीज निगम के अधिकारियों को इस रबी सीजन के लिए आवश्यक बीजो की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा.

मंत्री चौबे ने कहा कि प्रदेश में आगामी गर्मी के लिये पेयजल, निस्तारी व्यवस्था का सुनिश्चत करने के लिये राज्य की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं से रबी फसल के लिए पानी उपलब्ध कराने की कम संभावना को ध्यान में रखकर गर्मी में धान के बदले अन्य लाभकारी फसलों के फसल लेने के लिए आवश्यक पहल की जानी चाहिए.

उन्होंने प्रदेश में भू-जल के गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए भू-जल स्रोतों के अंधाधुंध दोहन की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाए किए जाने चाहिए. उन्होंने विद्युत मण्डल के साथ समन्वय कर इसके लिए समुचित कदम उठाने की बात कही.

मंत्री चौबे ने गर्मी के धान के बदले कम पानी वाली अन्य लाभकारी फसलों की खेती के लिए कृषि विभाग इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर किसानों को समुचित प्रशिक्षण और समझाइश देने के भी निर्देश दिए.

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