बिलासपुर। चाइल्ड पोर्न का शौक एक शख्स को भारी पड़ गया. सोशल मीडिया में पोर्न वीडियो अपलोड करने के मामले में आरोपी युवक को धारा 67-ए, 67-बी आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया.

गृह मंत्रालय नई दिल्ली से सूचना मिली कि मस्तूरी का अमरजीत सिंह राजपूत अपने मोबाइल से महिला और बच्चों का पोर्न वीडियो अपलोड किया है. इस पर कार्रवाई के लिए सहायक पुलिस निरीक्षक, तकनीकी सेवाएं, रायपुर ने बिलासपुर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा. दस्तावेज का अवलोकन करने पर अपराध पंजीबद्ध कर जांच की गई, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

पोर्नोग्राफी क्या है ?

पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसे फोटो, विडियो, टेक्स्ट, ऑडियो और सामग्री आती है, जिसकी प्रकृति यौन हो और जो यौन कृत्यों और नग्नता पर आधारित हो. ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से प्रकाशित करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिए प्रकाशित करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून (Anti-pornography law) लागू होता है. जो लोग दूसरों के नग्न या अश्लील विडियो (Nude or pornographic videos) तैयार कर लेते हैं या एमएमएस बना लेते हैं और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दूसरों तक पहुंचाते हैं, किसी को उसकी मर्जी के खिलाफ अश्लील संदेश (Pornographic message) भेजते हैं, वे भी इसके दायरे में आते हैं.

पोर्नोग्राफी पर कानून – आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67 (ए) – आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 सजा: जुर्म की गंभीरता के लिहाज से पहली गलती पर पांच साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना. दूसरी बार गलती करने पर जेल की सजा सात साल हो जाती है.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी क्या है

ऐसे मामलों में कानून और भी ज्यादा कड़ा है. बच्चों को सेक्सुअल एक्ट में या नग्न दिखाते हुए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मैट में कोई चीज प्रकाशित करना या दूसरों को भेजना. इससे भी आगे बढक़र कानून कहता है कि जो लोग बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री तैयार करते हैं, इकट्ठा करते हैं, ढूंढते हैं, देखते हैं, डाउनलोड करते हैं, विज्ञापन देते हैं, प्रमोट करते हैं, दूसरों के साथ लेनदेन करते हैं या बांटते हैं तो वह भी गैरकानूनी है. बच्चों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार करना, फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रेकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना, दूसरों को भेजना आदि भी इसके तहत आते हैं. यहां बच्चों से मतलब है – 18 साल से कम उम्र के लोग.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर कानून – आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 67 (बी), आईपीसी की धाराएं 292, 293, 294, 500, 506 और 509 सजा- पहले अपराध पर पांच साल की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना. दूसरे अपराध पर सात साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना.