रायपुर। शंकराचार्य कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस दौरान कहा गया कि शिक्षा का विकास तभी संभव है, जब उसमें निरंतर रिसर्च होता रहे. शोध की प्रक्रिया विशेषकर विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में ज्यादा महत्वपूर्ण है.

एसएसआईपीएमटी रायपुर में आयोजित थर्ड इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल रिसर्च इन इंजीनियरिंग साइंस एंड मैनेजमेंट 2022 के उद्घाटन के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो एम के वर्मा ने उक्त बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि एसएसआईपीएमटी रायपुर इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमिशन के चेयरमैन डॉ उमेश मिश्रा ने कहां कि शिक्षा की नई पीढ़ी में स्टार्टअप इनोवेशन एवं रिसर्च का विशेष महत्व है एवं इस क्षेत्र में एसएसआईपीएमटी का योगदान महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि साउथ कोरिया से आए प्रो यंग सू चंग ने शिक्षा में रिसर्च एक्टिविटी को बहुत महत्वपूर्ण बताया। प्रो चंग ने कहा कि भारत में रिसर्च की असीम संभावनाएं भी हैं और टैलेंट भी हैं। उन्होंने एसएसआईपीएमटी के आइडिया लैब में चल रहे विभिन्न रिसर्च प्रोजेक्ट्स की भरपूर सराहना की।

विषय प्रवर्तक डॉ शुभ्रा मिश्रा ने कहा की चेंज और डेवलपमेंट साथ साथ चलने वाली प्रक्रिया है। यदि इस डेवलपमेंट में सस्टेनेबिलिटी आती है तो नए जनरेशन की समस्याओं को हल करना सुलभ होगा। उन्होंने कहा कि एसएसआईपीएमटी इस क्षेत्र में काम करने वाली राज्य की सबसे अग्रणी संस्था है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री गंगाजलि एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन आईपी मिश्रा ने कहा कि समाज में नैतिक मूल्यों का ह्रास होता जा रहा है इसलिए सोशल एवं कल्चरल रिसर्च की आवश्यकता है जिससे भारत की सांस्कृतिक संप्रभुता को सुरक्षित रखा जा सके।

कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ नवीन जैन ने कहा कि एसएसआईपीएमटी कुल 49 संस्थाओं में से एक है जहां भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की अग्रणी संस्था एआईसीटीई के आईडिया लैब के सहयोग से आइडिया लैब स्थापित हुआ है जिसमें 40 से अधिक प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।

इस अवसर पर निशांत त्रिपाठी, डॉ आलोक जैन, डॉ दीप्ति बघेल, डॉ जे पी पात्रा, डॉ मनोज शर्मा, प्रो सबीना बेन, डॉ हेमलता सिन्हा, डॉ अपूर्व मिश्रा, प्रो रिजू भट्टाचार्य, डॉ सुमन कुमार स्वर्णकार, प्रो योगेश कुमार राठौर, डॉ डी एस क्षत्री, डॉ मनोज चांदे, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, शिक्षक, शोधार्थी, पेपर प्रेजेंटर एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ सीमा अरोरा एवं ब्रतीन चटर्जी ने किया।

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