रामेश्वर मरकाम, धमतरी. एक बार फिर अंतरजातीय विवाह करना एक जोड़े को भारी पड़ा है, शादी के बाद से ही समाज के ठेकेदारों ने इस जोड़े को ऐसी सजा दे रखी है, जिसका दंश यह जोड़ा पिछले सात सालों से झेलता आ रहा है. इन समाज के ठेकेदारों के खिलाफ इस जोड़े द्वारा बार बार शिकायत की गई. इसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद अब इस जोड़े ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.
मामला कुरूद ईलाके के फुसेरा गांव का है. जहां के रहने वाले भागीरथी साहू ने सात साल पहले दूसरे समाज की लड़की से शादी की थी. जो सामज के ठेकेदारों को नगावर गुजरी. समाज के इन ठेकेदारों ने गांव में एक बैठक बुलाकर भागीरथी द्वारा दूसरे समाज के लड़की से शादी करने पर अपत्ति जहिर की, साथ ही सजा के तौर पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति का हवाल देते हुए भागीरथी ने जुर्माने की राशि देने से इंकार कर दिया. जिसके बाद समाज के इन ठेकेदारों ने उसका समाज से हुक्का पानी बन्द कर दिया. जिसके चलते गावं में कोई भी शख्स इन लोगों से बात और लेन देन नहीं कर रहा है. समाज द्वारा बहिष्कृत किये जाने के चलते इनका जीना दूभर हो गया है.
इस मामले में न्याय पाने यह युवक पिछले सात सालों से भटक रहा है. लेकिन उसको कहीं से कोई राहत नहीं मिली. जिसके बाद अब इस युवक ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है. भागीरथी ने मामले कि शिकायत कलेक्टर से करते हुए समाज के दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
जिला प्रशासन ने भी इस मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा भागीरथी को दिलाया है. वही इस मामलें में समाज की ओर से अब कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
बतादें कि अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है, जिसके तहत अंतरजातीय विवाह करने पर जोड़ो को प्रोत्साहन राशि दी जाती है, लेकिन इसके बावजूद समाज के ठेकेदार इस शादी को मानने तैयारी नहीं है, ओर यदि कोई अंतरजातीय विवाह करता भी है तो उसके खिलाफ उनके द्वारा सजा का ऐलान कर दिया जाता है. जिसके चलते इन अंतरजातीय विवाह करने वाले युवक युवति का जीना दूभर हो जाता है. अब देखने वाली बात है कि कलेक्टर की ओर से इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है.