कुमार इंदर, जबलपुर। राज्य उद्योग विकास निगम में 700 करोड़ रुपए का घोटाले में जबलपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट ने कैट के आदेश को पलटते हुए पूर्व मुख्य सचिव एसआर मोहंती (former Chief Secretary SR Mohanty) के खिलाफ जांच जारी रखने का आदेश दिया है। कैट ने आरएस मोहंती के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई थी। राज सरकार ने कैट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए पूर्व मुख्य सचिव एसआर मोहंती के खिलाफ जांच जारी रखने का आदेश दिया।
राज्य उद्योग विकास निगम में 700 करोड़ रुपए का घोटाले का मामला सामने आया था। आरोप तत्कालिन पूर्व मुख्य सचिव एसआर मोहंती पर लगा था। ये आरोप दिग्विजय सरकार में उद्योगों को कर्ज देने के मामले में लगे थे। साल 2007 में एसआर मोहंती के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई थी।
साल 2007 में एसआर मोहंती के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई थी। मामला दर्ज कर ईओडब्ल्यू जांच कर रहा रहा था। 2018 में कांग्रेस सरकार ने कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। कांग्रेस सरकार आने के बाद मोहंती को 2019 में मुख्य सचिव बनाया गया था। कांग्रेस सरकार गिरनने और भाजपा की सरकार बनने के बाद मोहंती के खिलाफ फिर से जांच शुरू हुई थी। इसके बाद मोहंती कैट में चले गए थे। कैट ने मोहंती के खिलाफ जांच पर रोक लगा दी थी। राज्य सरकार ने कैट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए जांच जारी रखने का फैसला सुनाया है।
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बता दें कि एसआर मोहंती बैच के आइएएस हैं। मोहंती को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी माना जाता है। कांग्रेस सरकार आने के बाद मोहंती को 2019 में मुख्य सचिव बनाया गया था।
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