मुंबई. आमतौर पर बात करें तो फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम देश में निवेश के सबसे पॉपुलर जरिया रहा है. इसका एक कारण यह है कि एफडी निवेश के जोखिम मुक्त और तय रिटर्न देने वाला विकल्प है. लेकिन 2015 के बाद से एफडी जमा पर जिस तरह से ब्याल दरें क महो रही हैं, अब निवेशक दूसरे विकल्प भी तलाशने में लगे हैं. मौजूदा समय में ऐसे कई फाइनेंशियल और इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट कैपिटल मार्केट में मौजूद हैं जो न सिर्फ गारंटेड रिटर्न देने हैं, बल्कि जिनके जरिए भविष्य में आप अपनी दौलत में इजाफा कर सकते हैं. ऐसे में एक बेहतर विकल्प गारेटेड रिटर्न इंश्योरेंस प्रोडक्ट भी हो सकते हैं.
ये हैं लाइफ कवर प्लान
लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट किसी भी फैमिली के लिए भविष्य में वित्तीय सुरक्षा देते हैं. यह लंबी अवधि के लिए निवेश का विकल्प होते हैं, इसलिए इनमें शॉर्ट टर्म वोलैटिलिटी का असर नहीं दिखता. वहीं, भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग मसलन बच्चों की शिक्षा या शादी, घर खरीदने, कार खरीदने या रिटायरमेंट प्लानिंग में मददगार साबित होता होता है. यह जहां आपके परिवार को लाइफ कवर देता है, वहीं वित्तीय तौर भी परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है. इसी वजह से एफडी की ही तरह देश में यह भी निवेश करने का पॉपुलर जरिया है.
मार्केट में दर्जनों प्लान मौजूद
बाजार में इन दिनों लाइफ इंश्योरेंस में कई तरह के निवेश के प्लान मौजूद है, मसलन मनी बेंक प्लान या एंडाउमेंट प्लान. मनी बैक प्लान में रेगुलर इंटरवल पर आपकी इनकम होती रहती है, वहीं इसमें डेथ बेनेफिट भी मिलता है. वहीं, एंडाउमेंट प्लान में मेच्योरिटी पर आपको एकमुश्त रकम मिल जाती है. गारंटेट रिटर्न इंश्योरेंस प्रोडक्ट में मनी बैक प्लान या मंथली इनकम जैसे प्लान शामिल हैं, जहां समय समय पर आपके खाते में पैसे आते रहते हैं. आपके पास विकल्प होता है कि आन अपनी जरूरतों, रिस्क कैलकुलेशन आदि के आधार पर किस तरह का गारंटेड रिटर्न इंश्योरेंस प्रोडक्ट चुनते हैं.
एफडी या गारंटेड रिटर्न इंश्योरेंस प्रोडक्ट
अवधि: FD की अवधि शॉर्ट टर्म से लेकर लांग टर्म के लिए होती है. इसमें आप 1 साल से 5 साल की स्कीम भी चुन सकते हैं. वहीं, 10 साल के लिए भी FD की जा सकती है. दूसरी ओर इंश्योरेंस प्रोडक्ट लंबी अवधि के लिए आपके परिवार को बेहतर रिटर्न के साथ लाइफ कवर देते हैं.
निवेश: आमतौर पर बैंकों में FD 1000 रुपये से खाुला जा सकता है. एफडी में निवेश करने की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है. जितना ज्यादा अमाउंट होगा, ब्याज उसी आधार पर कैलकुलेट किया जाएगा. वहीं, इंश्योरेंस प्रोडक्ट में जमा होने वाला प्रीमियम आपके द्वारा लिए जाने वाले प्लान, उम्र, पॉलिसी वैल्यू और इंश्योरेंस लेने वाले के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर तय होता है.
गारंटेड रिटर्न: एफडी की बात करें तो इस पर अलग अलग समय के लिए ब्याज पहले से तय होता है. एफडी करते ही वह ब्याज भी समयावधि के साथ लॉक हो जाता है. बड़े बैंकों की बात करें तो 5 साल की एफडी पर 6.75 से 7 फीसदी तक सालाना ब्याज मिल रहा है. वहीं, गारंटेड रिटर्न इंश्योरेंस प्रोडक्ट में तय इंटरवल पर आपके खाते में पैसे आते रहते हैं, जिससे आपको अपने कई फाइनेंशियल गोल को पूरा करने में मदद मिलती है. ज्यादातर इंश्योरेंस प्रोडक्ट एफडी से अच्छा रिटर्न दे रहे हैं.
इमरजेंसी विद्ड्रॉल: एफडी में इमरजेंसी में निवेश तोड़ने पर पेनल्टी देनी पड़ती है, वहीं इसे ओवरआल रिटर्न प्रभावित होता है. दूसरी ओर गारंटेड रिटर्न इंश्योरेंस प्रोडक्ट में 3 साल के लॉक इन पीरियड के बाद ही इमरजेंसी में कुछ अमाउंट निकाला जा सकता है.