IPL 2023: बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज रिंकू सिंह (RINKU SINGH) कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को गुजरात टाइटन्स के खिलाफ रविवार को असंभव जीत दिलाकर रातों-रात स्टार बन गए. उन्होंने यश दयाल के आखिरी ओवर की अंतिम पांच गेंदों पर छक्का लगाकर गत चैंपियन गुजरात के विजयी रथ पर रोक लगाया. रिंकू ने जिस बल्ले से पांच गगनचुंबी छक्के लगाए वह उनका खुद का नहीं था.

बता दें कि, जिस बल्ले से रिंकू सिंह ने 5 छक्के मारे वह बल्ला केकेआर के कप्तान नितीश राणा का था. हालांकि, राणा अपना बल्ला रिंकू को देने से पहले काफी हिचक रहे थे. राणा ने कहा कि, रिंकू ने जिस बल्ला का इस्तेमाल किया वह मेरा है और इस सत्र में मैंने दोनों मैच इसी बल्ले से खेले. मैंने पूरी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और पिछले वर्ष के आखिरी 4-5 मैच इसकी बल्ले से खेले.

राणा ने आगे कहा कि, रविवार को मैंने अपना बल्ला बदला. रिंकू ने मेरा बल्ला मांगा. मैं शुरुआत में अपना बल्ला नहीं देना चाहता था, लेकिन ड्रेसिंग रूम से कोई यह बल्ला उठा लाया. उन्होंने टीम के ट्विटर हैंडल पर कहा कि, मुझे अहसास था कि वह यह बल्ला चुनेगा क्योंकि यह उठाने में काफी अच्छा लगता है और मेरे वजन के हिसाब से यह बल्ला हल्का है. अब यह बल्ला रिंकू का है, मेरा नहीं.

केकेआर के मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित ने भी शानदार बल्लेबाजी के लिए रिंकू सिंह की सराहना की. पंडित ने कहा कि कोच, क्रिकेटर, प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मेरे 43 वर्षों के करियर के दौरान मैंने इससे पहले सिर्फ दो पारियां देखी थी. एक में रवि शास्त्री ने रणजी ट्रॉफी में छह छक्के जड़े थे और दूसरी में जावेद मियांदाद ने शारजाह में अंतिम गेंद में छक्का जड़ा था. इसके बाद मैं रिंकू को देख रहा हूं.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के बल्लेबाज रिंकू को कभी क्रिकेट खेलने के लिए अपने पिता से मार भी खानी पड़ी थी. बेहद गरीबी और अभाव के बीच संघर्ष कर इस मकाम तक पहुंचे रिंकू के परिवार के लिए उनकी यह उपलब्धि किसी ख्वाब के सच होने जैसी है. लेकिन, करियर में यहां तक पहुंचना उनके लिए इतना आसान नहीं था. उनके पिता खानचंद रसोई गैस सिलिंडर की डिलीवरी का काम करते हैं और अब भी वह इसी पेशे से जुड़े हैं. अपने बेटे के संघर्ष को याद करते हुए वह कहते हैं कि कई बार उन्होंने क्रिकेट खेलने पर रिंकू की पिटाई भी की थी.