चंडीगढ़. सीबीआई कोर्ट ने छह साल पुराने रिश्वत के मामले में फैसला सुनाते हुए चंडीगढ़ के पूर्व सेंट्रल एसपी देशराज को 3 साल की सजा सुनाई है. बीते बुधवार को इस मामले में कोर्ट ने देशराज को दोषी करार दिया था और आज सजा का ऐलान किया.

18 अक्टूबर 2012 को सीबीआई ने एजीएमयू कैडर 2008 के आईपीएस एसपी देशराज को इंस्पेक्टर अनोख सिंह की शिकायत पर उनके सेक्टर-23 स्थित सरकारी आवास से एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.

आरोप के मुताबिक यह रकम अनोख सिंह के खिलाफ चल रही विभागीय जांच में उसे राहत देने की एवज में मांगी गई थी. इसकी शिकायत अनोख सिंह ने सीबीआई से कर दी. शिकायत की पुष्टि होने पर सीबीआई ने ट्रैप लगाकर एसपी देशराज को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था.

देशराज ने की बचने की हर कोशिश
पहले बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस में दलील दी गई थी कि सीबीआई की ओर से पेश की गई ट्रैप के वक्त की रिकार्डिंग सही नहीं है. वहीं, दूसरी ओर इसमें तत्कालीन एसपी ने अपनी आवाज को पहचाना भी था. बचाव पक्ष के अनुसार, एसपी को फंसाने के लिए यह रकम प्लांट की गई थी. इंस्पेक्टर अनोख सिंह एसपी से मिलने आया था और जब एसपी एक मिनट के लिए दूसरे कमरे में गए तो उस वक्त उसने शायद यह पैसे उनकी आलमारी में रख दिए होंगे. बचाव पक्ष ने एसपी देशराज और इंस्पेक्टर अनोख सिंह के बीच की कॉल रिकार्डिंग को भी झूठा बताया था.

6 साल और 80 सुनवाईयों में मिली सजा
18 अक्टूबर 2012 : सीबीआई ने आईपीएस एसपी देशराज को सेक्टर-23 के सरकारी आवास से एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया.
12 दिसंबर 2012 : देशराज को हाईकोर्ट से जमानत मिली.
5 जुलाई 2013 : सीबीआई को गृह मंत्रालय से केस चलाने की अनुमति मिली.
7 जुलाई 2013 : सीबीआई ने चार्जशीट फाइल की.
14 अक्टूबर 2013 : देशराज के खिलाफ आरोप तय.
14 फरवरी 2014 : इंस्पेक्टर अनोख सिंह ने देशराज के खिलाफ गवाही दी.
30 जुलाई 2018 : ट्रायल समाप्त हुआ.
8 अगस्त 2018 : देशराज दोषी करार.
10 अगस्त 2018 : कोर्ट ने देशराज को 3 साल की सजा सुनाई.