रायपुर। लैंगिक उत्पीड़न मामले के आरोपी वरिष्ठ आईपीएस पवन देव के खिलाफ भारत सरकार के निर्देश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से शिकायतकर्ता बेहद परेशान हैं..शिकायतकर्ता की वकील निरुपमा बाजपेयी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने दो-दो बार राज्य सरकार से इस मामले में की गई कार्रवाई का विवरण मांगा था..साथ ही इस संबंध में की गई कार्रवाई का विवरण शिकायतकर्ता को भी देने के निर्देश दिये थे और इसके लिये चार सप्ताह की समयसीमा तय की गई थी… लेकिन 5 जुलाई 2017 को केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किये गये इस आदेश की समयसीमा बीत जाने के बाद भी राज्य शासन ने अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई का विवरण नहीं दिया है… मामले में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अवर सचिव के हस्ताक्षर से दिनांक 5 जुलाई 2017 को जारी पत्र प्रमुख सचिव( गृह) छ ग को प्राप्त हुआ था। इसमें पवन देव पर अब तक की गई कार्रवाई का विवरण मांगा गया था। साथ ही शिकायतकर्ता को भी कार्रवाई की जानकारी देने कहा गया था । गौरतलब है कि लगातार दूसरी बार इस मामले में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को रिपोर्ट देने को कहा था। इससे पहले प्रथम पत्र माह मार्च 2017 में राज्य के मुख्य सचिव को भेजा गया था।
ये है पूरा मामला-
30 जून 2016 को मुंगेली जिले की एक महिला कांस्टेबल ने आईजी पवन देव पर फ़ोन पर अश्लील बात करने व दबाव पूर्वक अपने बंगले बुलाने का आरोप लगा कर शिकायत की थी। शिकायत के बाद राज्य सरकार ने रेणु पिल्लै (आई ए एस) की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय आंतरिक शिकायत समिति गठित की थी। 4 जुलाई 2016 को समिति ने जांच कर अपनी सम्पूर्ण रिपोर्ट 2 दिसम्बर 2016 को डीजीपी को सौप दी । समिति ने जांच में मुंगेली की महिला कांस्टेबल द्वारा बिलासपुर के तत्कालीन आईजी पवन देव पर लगाये गये लैंगिक उत्पीड़न के आरोप सही पाया था। महिला कांस्टेबल द्वारा जांच रिपोर्ट के आधार पर पवन देव पर कानूनी कार्रवाई की मांग की थी और इसके लिए डीजीपी को तीन बार ज्ञापन भेज चुकी है । डीजीपी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं से यह हाई प्रोफ़ाइल मामला प्रधानमंत्री, गृहमंत्री ,राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग , राष्ट्रीय महिला आयोग तक भी जा पहुँचा,लेकिन पीड़िता को अभी भी न्याय का इंतजार है।
ये है जांच रिपोर्ट में –
जांच समिति द्वारा डीजीपी को सौंपी गयी रिपोर्ट में महिला कांस्टेबल की शिकायत को सही बताते हुए पवन देव पर लैंगिक प्रताड़ना के आरोपों को सिद्ध पाया है ।
कानून के मुताबिक
महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न ( निवारण ,प्रतिषेध, प्रतितोष ) अधिनियम 2013 के अनुसार शिकायत की जांच अनिवार्य रूप से 90 दिवस के भीतर करनी होगी । इस अधिनियम की धारा 13 ( 4 ) में प्रावधान है कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के 60 दिवस के भीतर विभाग प्रमुख को आरोपी व्यक्ति पर कार्रवाई करनी होगी ।
पीड़िता के मुताबिक
जांच रिपोर्ट आने के बाद पीड़िता के द्वारा अब तक तीन बार ज्ञापन डीजीपी को पवन देव पर कार्रवाई दिया जा चुका है। शिकायत पर कार्रवाई न करने हेतु लगातार धमकी व प्रलोभन दिया जा रहा। इस मामले की भी शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसलिए रुका पवन देव का प्रमोशन
शासन ने पीड़िता की शिकायत के तत्काल बाद पवन देव को बिलासपुर से हटा कर पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया। जांच रिपोर्ट सही पाए जाने के बाद पवन देव का प्रमोशन रोक दिया गया, हालांकि प्रमोशन रोकने के अलावा और कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई है।