Iran On Strait of Hormuz: ईरान-इजरायल युद्ध (Iran–Israel War) में अमेरिका (America) की सीधी एंट्री ने स्थिति को और भी विध्वंसक बना दिया है। अबतक दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष घाटक युद्ध में तब्दील हो गया है। इसी बीच ईरान ने बड़ा फैसला लेते हुए ‘होर्मुज स्ट्रेट’ को ठप करने का ऐलान किया है। ईरान की संसद ने होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का फैसला कर लिया है। इस जंग की शुरुआत से ईरान धमकी देता रहा कि अगर उस पर अमेरिका ने अटैक किया तो वो होर्मुज स्ट्रेट को बंद कर देगा और आखिरकार ईरान ने उस धमकी को एक्शन में बदल दिया है।

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हालांकि अंतिम फैसला ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला खामेनेई पर छोड़ा गया है। ईरान के इस फैसले का सीधा अर्थ है कि सिर्फ मिडिल ईस्ट नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेल की सप्लाई पर बड़ा असर पड़ेगा। मतलब इसका सीधा असर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

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बता दें कि ये समुद्री जलमार्ग से पर्शियन गल्फ को ओमान की खाड़ी से जोड़ता है। इसी रास्ते से हर महीने 3000 से भी ज्यादा तेल और गैस के जहाज गुजरते हैं। होर्मुज स्ट्रेट की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की कुल तेल आपूर्ति का लगभग पांचवां हिस्सा इसी रास्ते से होकर गुज़रता है, यानी हर पांच लीटर में से एक लीटर तेल की सप्लाई यहीं से होती है।

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तेल आपूर्ति प्रभावित

विशेषज्ञों के मुताबिक होर्मुज स्ट्रेट के बंद होने से अंतरराष्ट्रीय तेल आपूर्ति का लगभग 20% हिस्सा प्रभावित हो सकता है। वहीं अमेरिका की इन्वेस्टमेंट बैंकिंग संस्था जेपी मॉर्गन ने चेतावनी दी है कि इसके बंद होने से कच्चे तेल की कीमत 120 से 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है।

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तेल की कीमतों में उछाल

दरअसल जिस दिन ईरान-इजराइल में जंग शुरू हुई थी उसी दिन से तेल की कीमतों में उछाल आ गया था। हालांकि होर्मुज को बंद करने से सबसे बड़ा झटका खुद ईरान को लगेगा क्योंकि चीन, भारत और बाकी एशियाई देशों को ईरान के कच्चे तेल की सप्लाई इसी जलमार्ग से होती है। लेकिन वो देश भी काफी प्रभावित होंगे जो ईरान से तेल खरीदते हैं। संसद के फैसले पर अगर खामेनेई ने रजामंदी की मुहर लगाकर होर्मुज़ स्ट्रेट को बंद कर दिया तो दुनिया की अर्थव्यवस्था में भूचाल आ सकता है।

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क्या है होर्मुज स्ट्रेट?

  • फारस की खाड़ी और अरब सागर के बीच।
  • खाड़ी देशों से ऑयल सप्लाई का समुद्री रास्ता।
  • करीब 34 किमी संकरा समुद्री इलाका।
  • दोनों दिशा से करीब 3 Km चौड़ी शिपिंग लेन।
  • पूरा इलाका ईरान के नियंत्रण वाला।

क्यों खास है होर्मुज?

  • दुनिया के 26% ऑयल सप्लाई का मार्ग।
  • होर्मुज ठप होने पर ऑयल की कमी होगी।
  • अमेरिका सहित पूरी दुनिया पर असर होगा।

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भारत पर क्या पड़ेगा असर

होर्मुज भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस जलमार्ग से होकर भारत तक हर दिन बड़ी मात्रा में तेल पहुंचता है। इसके बंद होने से भारत को क्या नुकसान हो सकता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत प्रतिदिन 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत करता है, जिसमें से 1.5 मिलियन बैरल तेल इसी जलमार्ग से होकर आता है। दुनिया के तेल व्यापार का लगभग एक चौथाई हिस्सा इस जलमार्ग से होकर गुजरता है, जो खाड़ी देशों को हिंद महासागर से जोड़ता है।

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