IRCON International Shares: शेयर बाजार में कमजोरी के दौर में इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों में करीब 6.34 फीसदी की कमजोरी दर्ज की जा रही है और ये 11 रुपये गिरकर 161 रुपये के स्तर पर आ गए हैं. करीब 15130 रुपये के मार्केट कैप वाले इरकॉन इंटरनेशनल के शेयर करोड़, 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 180 रुपये है जबकि 52-सप्ताह का निचला स्तर 152.80 रुपये है.
पिछले 1 महीने में इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों ने निवेशकों को करीब 6 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि पिछले 6 महीने में इरकॉन के शेयरों ने निवेशकों को निचले स्तर से 90 फीसदी का बंपर रिटर्न दिया है. इस साल अब तक इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों ने निवेशकों को 171 फीसदी का रिटर्न दिया है. मंगलवार, 21 फरवरी को इरकॉन इंटरनेशनल के शेयर 52 रुपये के निचले स्तर पर थे, जहां से निवेशकों की संपत्ति लगभग 200 प्रतिशत बढ़ गई है.
केंद्र की मोदी सरकार ने इरकॉन इंटरनेशनल में आठ फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 1200 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है. इरकॉन इंटरनेशनल में यह हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल या ओएफएस के जरिए 154 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर बेची जा रही है. इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल ने शेयर बाजार को दी जानकारी में यह जानकारी दी है. फिलहाल इरकॉन इंटरनेशनल में सरकार की हिस्सेदारी 73.18 फीसदी है. 154 रुपये के फ्लोर प्राइस पर करीब 8 फीसदी हिस्सेदारी बेचने से सरकार को 1159 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिल सकती है.
मोदी सरकार की इरकॉन इंटरनेशनल में अपनी हिस्सेदारी बेचने की मौजूदा योजना के मुताबिक, सरकार शुरुआत में चार फीसदी शेयर बेचने की योजना बना रही है. अगर यह ओवरसब्सक्राइब हुआ तो चार फीसदी हिस्सेदारी दोबारा बेची जाएगी. सेल ऑफर का फ्लोर प्राइस 154 रुपये प्रति शेयर रखा गया है, जो इरकॉन इंटरनेशनल शेयरों की मौजूदा कीमत से 10 फीसदी कम है.
साल 2023-24 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के शेयर बेचकर अब तक 8859 करोड़ रुपये की कमाई की है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में पीएसयू के विनिवेश से 51,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.
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