दिल्ली. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ई-टिकट की बिक्री में वास्तविक मूल्य के मुकाबले अधिक कीमत वसूलकर बाजार में मजबूत स्थिति के कथित दुरूपयोग को लेकर भारतीय रेल तथा उसकी इकाई आईआरसीटीसी के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. दरअसल रेलवे और उसकी वेबसाइट IRCTC जब भी टिकट बुक करते हैं तो राउंडऑफ के नाम पर टिकट कीमत बढ़ा देते हैं.
रेलवे के नियम के मुताबिक अगर आपका किराया 122 रुपए हुआ है तो आपसे राउंडऑफ के नाम पर 125 रुपए वसूले जाएंगे. रेलवे किराया 5 रुपए के मल्टीपल में ही वसूलता है. गुजरात के अहमदाबाद के मीत शाह और राजकोट के आनंद रणपाड़ा ने रेलवे तथा भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लि. (आईआरसीटीसी) के खिलाफ शिकायत की है जिस पर आयोग ने जांच का आदेश दिया है.
दोनों ने यह आरोप लगाया कि रेलवे तथा आईआरसीटीसी दोनों ही वास्तविक आधार किराया पर पहुंचने के लिये किराये को 5 के गुणक में निकटतम ऊपरी अंक में तय करते हैं. इससे खासकर आनलाइन बुकिंग में रेल टिकट बिक्री के लिये बाजार में अनुचित शर्तें थोपी जाती हैं. प्रथम दृष्ट्या प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन का मामला पाये जाने के बाद सीसीआई ने नौ नवंबर को अपने आदेश में जांच इकाई को मामले की जांच करने का आदेश दिया.
जांच में मामले से जुड़े लोगों की संभावित भूमिका की भी जांच की जाएगी. प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा, ‘इस समय ऐसा लगता है कि प्रतिवादी (रेल मंत्रालय और आईआरसीटी) बिना यथोचित कारण के आनलाइन बुकिंग में वास्तविक किराये को ‘राउंड आफ’ करते हैं. शिकायत के अनुसार ग्राहक पूरी तरह रेल मंत्रालय और आईआरसीटीसी पर निर्भर है तथा उसके बाद उसके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का कोई विकल्प नहीं है.
हालांकि, दोनों इकाइयों ने कहा कि टिकट के मामले में खुदरा राशि लेने और देने से लेन-देन में लगने वाला समय बढ़ेगा. ऐसे में लेन-देन में लगने वाले समय में कमी लाने तथा यात्रियों को तीव्र सेवा देने के लिये किराये को ‘राउंड आफ’ करने का फैसला किया गया है.