पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद। मैनपुर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला कोषालय से साठ-गांठ कर खजाने में सेंधमारी का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ के पदाधिकारी विशांत नायर ने फरवरी 2019 में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से की थी. जिसके बाद शिकायत पत्र की जांच हुई तो मामले का खुलासा हुआ है. कलेक्टर श्याम धावडे ने मामले की जांच का जिम्मा देवभोग बीएमओ सुनील भारती को दिया था. लंबे अवधि तक चली जांच के बाद बीएमओ ने तीन दिन पहले 150 पन्नो का जांच प्रतिवेदन एसडीएम भूपेंद्र साहू को सौपा है. एसडीएम साहू ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक लाखों रुपये की अनियमितता पाई गई है. जिसमे स्वास्थ विभाग मैनपुर व जिला कोषालय की मिली भगत पाई गई है.

स्वीपर भोजराम दीवान ने बताया कि उसके खाते में बीएमओ के सरकारी खाते से 6 बार में 9 लाख रुपये डाले गए, सभी रकम उसने तत्कालीन लेखापाल वीरेंद्र भंडारी को ले जाकर दिया. बदले में उसे केवल 10 हजार रुपये मिले हैं. इसी तरह वार्ड बॉय विनोद ध्रुव ने भी बताया है कि 4 बार में उसके खाते में 4 लाख आये,5 हजार ही मिले बाकी रकम उसने भंडारी को दिया. वर्तमान लेखाधिकारी ने भी स्वीकार किया है कि कुछ कर्मियों के नाम से 3 किश्त में निकले 10 लाख रुपये उसने निकाले ऐसे ही तत्कालीन लेखाकर्मी वीरेन्द्र भंडारी ने 6 लोगो के नाम के 25 लाख निकलना स्वीकार किया है.

मैनपुर स्वास्थ्य विभाग के इन दोनों लेखाकर्मी ने अपने बयान में बताया है कि निकाले जाने वाले सभी रूययों के आधे हिस्से गरियबन्द जिला कोषालय में लिपिक वर्ग 2 में पदस्थ गुरविंद साव को देते थे,आधी रकम को बीएमओ के साथ मिलकर बांट लेते थे. जांच रिपोर्ट के मुताबिक इन लेन देन के अलावा 22 अन्य कर्मी के नाम से लगभग 45 लाख रुपये बीएमओ के पीएनबी स्थित खाते से निकलना पाया गया है. सम्बंधित कर्मियों को रूपये निकालने की जानकारी तक नही है,क्योंकि ये रूपए सीधे चेक के माध्यम से केश विड्रॉल कर लिया गया है.

इस पूरे मामले की जांच में दर्ज हुए बयान के मुताबिक, जिला कोषालय के लिपिक गुरविन्द शॉव ने इस तरह के लेन देन से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा है कि बिल बाउचर बीएमओ का आता है,वो तय करते हैं किसे किस मद का रूपये देना है. हमें इसके बारे में कुछ भी जानकारी नही हैं क्योंकि ट्रेजरी से पैसे बीएमओ के खाते में जाते हैं मेरा बीपी शुगर बढ़ा हुआ है मैं ज्यादा बात नहीं कर सकता मैं अभी अस्पताल में हूं