पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छुरा सिंचाई अनुविभाग में मौजूद खरखरा जलाशय का जीर्णोद्धार और लाइनिंग कार्य भगवान भरोसे चल रहा है. कार्य के गुणवत्ता से लेकर वर्क साइड में चल रहे भर्राशाही को देख कर लगता है की सिंचाई विभाग ने ठेका कंपनी के मर्जी पर सब कुछ छोड़ रखा है. आप भी जानिए की आखिरकार हम ऐसा क्यों कह रहे हैं.

इस कार्य के लिए कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2022-23 में 7.8 करोड़ की मंजूरी मिली थी. कोरबा के ठेका कंपनी मेसर्स बी पी मिश्रा एंड कंपनी के साथ शासन का अनुबंध हुआ. तय समय के मुताबिक कार्य को 25 जुलाई 2023 तक पुरा कर लिया जाना था. लेकिन आज भी अनुबंध में तय 40 फीसदी कार्य अधूरा पड़ा है.

शीर्ष कार्य में सरकारी पत्थर

1260 मीटर लंबे बांध के शीर्ष कार्य का पिचिंग सरकारी पत्थर से करने की छूट दी गई है. विभाग के पुराने कार्य को डिस्मेंटल के बाद हजारों की संख्या में पिचिंग पत्थर निकाला गया था. विभाग की मेहरबानी के चलते उन्हीं पत्थरों को विभाग शीर्ष कार्य के मरम्मत के लिए बांध के मेड पर रखा हुआ है. कुछ जगह पर पिचिंग का कार्य आधा अधूरा हुआ है. जिसमें भी पिचिंग के लिए तय मापदंड का पालन नहीं किया गया है.

स्ट्रक्चर की क्यूरिंग नहीं

31.20 किमी के मुख्य,माइनर व शाखा नहरों में 24 नग पक्के सरंचना व 75 नग आउटलेट का निर्माण किया जाना है. जिसमें अब तक 25 का निर्माण भी नहीं हो सका है.जिन स्थानों पर वीआरबी बनाया गया है ठेका कम्पनी वहा दोबारा वापस नही आया,जबकि सीमेंट कांक्रीट के इन सरंचनाओं पर निर्माण के बाद सप्ताह भर तक नियमित क्यूरिंग किया जाना था.क्यूरिग के अभाव इन सरंचनाओ में अभी से दरारें मौजूद है.

लाइनिंग कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी

अनुबंध के मुताबिक 7 माइनर और 5 शाखा नहरों में सीसी लाइनिंग का कार्य होना है. अब तक लगभग 10 किमी में ही लाइनिंग का कार्य किया जा सका है. जिसमें तय मापदंड का पालन नहीं दिखाई दिया. मुरम का कोई खदान स्वीकृत नहीं कराया गया है. नहर के मेड के ऊपर लाल मिट्टी को मुरम के जगह डाला जा रहा है. इतना ही नहीं मेड़ों को खोद रहे पोकलेन के बकेट से ही कम्पेकसिंग की खाना पूर्ति की जा रही है. जबकि डेढ़ फीट मुरम डालने के बाद उस पार पानी डाल कर अच्छे से दबाना होता है, ताकि की लाइनिंग की पटरीयो में डाली जाने वाली सीमेंट की परत मजबूत और टिकाऊ हो. लेकिन विभागीय इंजिनियर को गैर मौजूदगी और बड़े अफसरों की अनदेखी से लाइनिंग कार्य महज खाना पूर्ति साबित होगा. कुछ जगहों पर लाइनिंग कार्य के कंक्रीट में दरारे भी पड़ गई है. जिसे सीमेंट का लेप लगाकर ढालने की कोशिश की गई है. लाइनिंग कार्य में पटरी और पट्टी का निर्माण भी तय मापदंड में नहीं किया जा रहा है.

व्यस्तता का नाजायज फायदा न उठाए कोई – कार्यपालन अभियंता

इस मामले पर सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.के बर्मन ने कहा कि यदि गुणवत्ताहीन कार्य कराया जा रहा है तो परीक्षण में उसे तुड़वा के दोबारा कार्य कराएंगे. मैंने ठेकेदार, एसडीओ और सब इंजीनियर को भी ताकित कर दिया है. मेरी व्यस्तता का नाजायज फायदा कोई न उठाए. जहां-जहां गड़बड़ी की गई है. राजिम मेला की व्यस्तता खत्म होते ही जांच कर सुधार किया जाएगा.