पटना। जल संसाधन विभाग में आयोजित विस्तृत समीक्षा बैठक में बताया गया कि हर खेत तक सिंचाई का पानी कार्यक्रम के तहत चयनित 1203 योजनाओं में से अब तक 1179 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। इन योजनाओं से कुल 6,41,153 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का सृजन और पुनर्स्थापन हुआ है। बैठक की अध्यक्षता प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने की जिसमें अभियंता प्रमुख ब्रजेश मोहन, विभागीय अधिकारी और क्षेत्रीय मुख्य अभियंता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े।
चरणवार प्रगति
संयुक्त तकनीकी सर्वेक्षण के प्रथम चरण की 429 में से 422 योजनाएं पूरी हुईं। द्वितीय चरण की 332 में से 330 योजनाएं पूर्ण हुईं। तृतीय चरण की 442 में से 427 योजनाएं संपन्न हुईं। इस प्रकार अधिकांश कार्य समय से पूरे किए जा चुके हैं।
धीमी प्रगति पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश
समीक्षा के दौरान कुछ परियोजनाओं में कार्य धीमा पाया गया। इस पर प्रधान सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिन योजनाओं में लक्ष्य के मुकाबले 20% से कम कार्य हुआ है उन मामलों में संबंधित कार्यपालक अभियंताओं और संवेदकों से स्पष्टीकरण मांगा जाए। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
सात निश्चय-2 कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा
यह योजना राज्य सरकार के सात निश्चय-2 के अंतर्गत संचालित है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा को मजबूत करना और किसानों को स्थायी जल उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
कार्य में तेजी लाने का निर्देश
अंत में प्रधान सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मानव-बल, मशीनरी और सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए शेष कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए ताकि निर्धारित समय सीमा में सिंचाई क्षमता का विस्तार हो सके।
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