केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ‘सीबीआई’ की विशेष अदालत ने रिश्वत लेने के एक मामले में आईआरएस अधिकारी को 6 साल की सजा सुनाई है. यह मामला करीब 23 साल पुराना है. इस मामले में सोमवार को भारतीय राजस्व सेवा ‘आईआरएस’ के अधिकारी अरविंद मिश्रा को छह साल जेल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा उन्हें 1.50 लाख रुपए जुर्माने की भी सजा मिली है.
अरविंद मिश्रा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के बदले 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए थे. तब वे तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर (आयकर) थे. ये सजा उन्हें लखनऊ में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने छह वर्ष के कारावास और 1.50 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने आदेश में कहा कि अरविंद मिश्रा वर्ष 1989 में संघ लोक सेवा आयोग के जरिए चयनित होकर भारतीय राजस्व सेवा में आए थे. यदि वे इस मामले में शामिल न होते तो इस समय मुख्य आयकर आयुक्त की श्रेणी के अधिकारी होते.
सीबीआई के अनुसार आरसी गर्ग ने 29 नवंबर 1999 को सीबीआई को शिकायत की थी की वह अपनी पत्नी की कम्पनी का प्रबंधक है और विकासनगर स्थित कंपनी को बेचना चाहता है. लेकिन अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए अरविंद मिश्रा ने घूस की मांग की.
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