लोकसभा चुनाव 2024 में खराब प्रदर्शन BJP पर भारी पड़ने लगा है. विरोध के स्वर बुलंद होने लगे हैं. महाराष्ट्र 48 लोकसभा सीटों में से BJP को इस बार सिर्फ 9 सीटें मिल पाईं. NCP का एक ही सांसद लोकसभा पहुंच सका है.
यूपी में भले ही BJP ने झगड़ा डांट-डपट कर शांत करा दिया हो, लेकिन महाराष्ट्र में भी चुनावी हार के बाद सवाल उठने लगे हैं और ऐसा लगता है जैसे BJP के सामने भी शिवसेना जैसी चुनौती खड़ी होने लगी है.
NCP के साथ गठबंधन को लेकर BJP पर वैसे ही सवाल उठने लगे हैं जैसा शिवसेना के साथ हुआ था, और पार्टी बर्बाद हो गई. फर्क ये है कि असंतोष का भाव बीजेपी और NCP दोनो ही पक्षों में उभर रहा है. NCP की नाराजगी तो केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री की पोस्ट न मिलने से शुरू हुई थी, अब तो लग रहा है कि NCP नेताओं में भी निराशा बढ़ने लगी है.
पिपरी-चिंचवाड़ में अजित पवार वाली NCP के कई नेता शरद पवार की तरफ लौटने लगे हैं. एनसीपी की पिंपरी-चिंचवाड़ यूनिट के प्रमुख अजित गवाहाने, छात्र विंग के प्रमुख यश साने, पूर्व पार्षद राहुल भोसले और पंकज भालेकर का इस्तीफा तो ऐसा ही संकेत दे रहा है. छगन भुजबल की शरद पवार से मुलाकात भी तो कुछ न कुछ इशारे भी कर रहे हैं.
BJP खेमे में भी विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं. हाल ही में पुणे के एक BJP नेता ने तो महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन महायुति से एनसीपी को बाहर करने की मांग कर डाली थी – और कार्यकर्ताओं की ऐसी ही मंशा लिये RSS से जुड़ी एक मराठी पत्रिका की रिपोर्ट ने अलग ही खलबली मचा रखी है.
BJP के सामने महाराष्ट्र में शिवसेना जैसी चुनौती
शिवसेना में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत को हवा इसलिए दी गई क्योंकि उन्होंने BJP का साथ छोड़कर सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और NCP से गठबंधन कर लिया था, और महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार बना ली थी.
उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही BJP उनके हिंदुत्व के एजेंडे से हट जाने का इल्जाम लगाया और लगातार हमले करती रही. यही एक वजह रही कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे भी धावा बोल दिये थे, जो BJP के सपोर्ट में जा रहा था – और एक दिन वो भी आया जब एकनाथ शिंदे ने बाला साहेब ठाकरे के सिद्धांतों से समझौते का आरोप लगा कर बगावत कर दी.
एकनाथ शिंदे की बगावत को BJP का सपोर्ट तो मिला ही, उसी के समर्थन से सरकार भी बन गई – और कुछ ही दिन बाद ठीक उसी तरीके से NCP में शरद पवार के खिलाफ अजित पवार ने बगावत की और BJP के साथ गठबंधन में शामिल हो गये. अजित पवार फिलहाल महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं.
क्या चुनाव से पहले टूट जाएगा BJP-NCP गठबंधन
BJP के पुणे जिला उपाध्यक्ष सुदर्शन चौधरी ने हाल ही में कहा था कि NCP को महायुति गठबंधन से हटा दिया जाना चाहिये. BJP की एक बैठक में सुदर्शन चौधरी ने कहा, ‘भाजपा कार्यकर्ता विधानसभा चुनावों में अजित पवार के साथ गठबंधन करके सत्ता में रहने के बजाय सत्ता से बाहर जाना पसंद करेंगे… सत्ता में होने का क्या मतलब है? हम काम करेंगे और वो बॉस बनकर हमें आदेश देंगे… हमें ऐसी सत्ता नहीं चाहिये.’
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद BJP महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है… पार्टी को अहसास हो गया है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठजोड़ से उनकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचेगा. असल बात तो ये है कि महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार के पक्ष में बड़े पैमाने पर वोट किया है. BJP भी पूरे मामले में सावधानी से काम ले रही है, क्योंकि वो चुनाव जीतना चाहती है.’
महाराष्ट्र में 2-3 महीने में भी विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं, और NCP को लेकर BJP में विरोध खतरनाक मोड़ की तरफ बढ़ रहा है – लगता है BJP और NCP का साथ आखिरी सांसें गिन रहा है.
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