रायपुर. भारत में लगभग 80 फीसदी किशोर अत्याधिक गुस्से खीज और आक्रामकता की समस्या से जूझ रहे हैं. किंतु ये सिर्फ किशोर उम्र की समस्या नहीं है देखने में आ रहा है कि ये समस्या समान रूप से बुजूर्गो एवं बच्चों में भी दिखाई दे रही है इसका जितना असर पुरूषो में है. उससे बराबर का असर महिलाओं में भी दिखाई दे रहा है इसे चाहे तो आप टेलीविजन या मोबाईल गेम में चलते कार्यक्रम जिसमें आजकल गालियो तक से गुरेज नहीं रह गया है. अथवा किसी पुलिस या अधिकारी द्वारा आम नागरिक पर की जा रही शारीरिक हिंसा अथवा अपने आस पास एक दूसरे को दोषारोपण या नीचा दिखाना जैसे रोजमर्रा के मामूली से लगने वाले कार्यकलाप से लेकर हाथापाई पर उतारू हर बात पर विरोध करने वाले लोगो में आसानी से देखा जा सकता है.

दरअसल, भारत में अधिकतर लोगों का विशेषकर किशोरों का ज्यादा से ज्यादा वक्त अब इंटरनेट में कुछ सर्च करते हुए या गेम खेलते हुए बीत रहा है. हिंसक खबरे, आनलाईन आसानी से उपलब्ध हिसंक फिल्में अथवा गेम लगातार खेलने से बच्चों के मस्तिष्क के बाईं ओर के हिस्से की क्षमता घटती है और भावनाओं व निर्णय लेने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. मारपीट, अपराध, युद्ध और मानवीय मूल्यों को न मानने वाले गेम्स से बच्चों की सोच व विचार नकारात्मक बनते हैं. राहू का प्रभाव मानव के व्यवहार से स्पष्ट झलकता है खानपान और व्यसन पर राहू का अधिकार है. इस काल पर राहू का प्रभाव होने से मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्तर पर कुछ लक्षण दिखाई देते हैं. राहू के साथ चन्द्र दूसरे और पांचवे घर में होने जातक आज के युग में प्रचलित कम्प्यूटर और मोबाईल जैसे आनलाईन खेल खेलने का बड़ा शौकिन होता है. राहू के साथ बुध कही भी हो किसी भी भाव में हो इस प्रकार के खेल आदि की तरफ जातक का ध्यान जायगा. राहू के साथ मंगल हो तो व्यक्ति मारधाड़ में विश्वास रखता है और बोलचाल में भी उग्रता का शौकिन हो जाता है.

राहु केवल अपने ख्यालों में रखता है और जो अंक या कार्य दिमाग में छाया हुआ है उस विचार को दिमाग से नही निकलने देता है. बोलने पर गालियों का समिश्रण होता है. इस काल में जब पूरी दुनिया आनलाईन स्थिति में है तब सभी बच्चो के दिमाग में भी आनलाईन स्थिति ही है किंतु अपरिपक्व दिमाग पर इसका प्रभाव ज्यादा होता है. अतः बच्चो को इसके प्रभाव से दूर रखने के लिए रात्रि जागना और मोबाईल कॅप्यूटर पर बहुत ज्यादा समय बिताने देना बहुत हानिकारक हो सकता है. यदि आपका बच्चा भी विडियो गेम या आनलाईन गेम में व्यस्त रहता है, रात्रि जागता और दिन को सोता है तथा दैनिक कार्य जैसे नहाना, खाना आदि समय पर नहीं करता, बात नहीं सुनता तो उसकी राहु की शांति जरूर करानी चाहिए. नारायण नागबलि के विधिवत पूजा करानी चाहिए. राहु की अशुभ स्थिति हो तो राहु कृत पीड़ा के निवारणार्थ रूद्राभिषेक अवश्य करानी चाहिए. इसके साथ स्व.अनुशासन रखने के अलावा निम्न अन्य उपाय भी कर सकते हैं.

  • मंगलवार शनिवार श्री हनुमान जी को छुवारें ( खारक ) का प्रसाद अर्पण करें और बच्चो में बाटें.
  • गरीबो को कम्बल साबुन या नमक का दान करें.
  • बन्दरों को बैंगन या फल खिलाये. श्री हनुमान जी को यथा संभव गुड़ चनें का भोग रविवार मंगलवार व शनिवार को लगावें.
  • बहतें पानी में कोयले बहाये. भगवान शिव को पिण्ड खजूर का प्रसाद अर्पण करें और बांटें.
  • ताम्र पात्र का ही जल पीयें और संभव हो तो ताम्र गिलास में ही जल पीना चाहिए.
  • प्रत्येक रविवार को श्री हनुमान जी को 11 या 21 लोगं की माला पहनाए और बजरंग बाण का पाठ करें.