Pakistan New Conspiracy Against India: भारत के खिलाफ पाकिस्तान की साजिशों का नया खुलासा हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी ठिकाने तबाह होने और 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने के बाद लश्कर और जैश ने अपने ठिकाने बदल लिए हैं. लश्कर-ए-तैयबा ने अपना प्रशिक्षण केंद्र खैबर पख्तूनख्वा राज्य में शिफ्ट किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन भी अपने ठिकाने बदल रहे हैं. सैटेलाइट से क्लिक की गई तस्वीरों और वीडियो से यह पता चला है.

सरकार और सेना मिलकर बना रहे ठिकाना

सूत्रों से जानकारी मिली है कि लश्कर खैबर पख्तूनख्वा में अपने आतंकी ठिकाने को बना रहा है और दिसंबर के अंत तक इस ठिकाने को तैयार कर लिया जाएगा. पाकिस्तान की सरकार और सेना ISI की मदद से इन ठिकानों को तैयार कर रही है, ताकि आतंकियों को प्रशिक्षण देने के बाद POK में भेजा जाए और फिर वे आतंकी भारतीय सीमा में घुसपैठ कर सकें. दरअसल, पाकिस्तान की साजिश है कि अगर भारत ऑपरेशन सिंदूर-2 को अंजाम देता है तो वह अपने आतंकियों को इन इलाकों में महफूज रख सके, ताकि आतंकी बच सकें.

धार्मिक संस्थानों की आड़ में बना रहा ठिकाने

बता दें कि लश्कर ने अपना नया ठिकाना खैबर पख्‍तूनख्‍वाह के लोअर दीर जिले के कुंबन मैदान इलाके में बनाया है. यहां पर लश्कर मरकज जिहाद-ए-अक्सा नाम से नया प्रशिक्षण एवं आवासीय केंद्र बना रहा है. यह जगह अफगानिस्तान सीमा से लगभग 47 किलोमीटर दूर है. वहीं लश्कर की ओर से धार्मिक संस्थानों की आड़ में आतंकी ठिकाने बनाए जा रहे हैं. मरकज जिहाद-ए-अक्सा में 2 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ‘दौरा-ए-खास’ और ‘दौरा-ए-लश्कर’ संचालित किए जाएंगे. यह ठिकाना लश्कर की ‘जान-ए-फिदाई’ फिदायीन यूनिट की जगह लेगा.

इन्हें सौंपी जाएगी कैंप की जिम्मेदारी

बता दें कि अब से पहले यह यूनिट भीम्बर-बरनाला के ‘मरकज अहले हदीस’ से संचालित होती थी, जिसे 7 मई 2025 को भारतीय सेना ने नष्ट कर दिया था. वहीं अब नए ठिकाने का नेतृत्व नस्र जावेद को सौंपा गया है, जो साल 2006 में हैदराबाद में हुए बम धमाके का मास्टरमाइंड भी था. नस्र जावेद 2004 से 2015 के बीच POK में लश्कर का दुलाई कैंप चला चुका है. फिलहाल वह लश्कर की धन-उगाही करने वाली शाखा ‘खिदमत-ए-खल्क’ का कामकाज संभाल रहा है. साथ ही जिहाद की सैद्धांतिक शिक्षा की जिम्मेदारी मुहम्मद यासीन (उर्फ बिलाल भाई) को दी गई है. जबकि हथियार प्रशिक्षण का प्रभारी अनास उल्लाह खान को बनाया गया है.

जैश और हिज्बुल ने भी बनाए नए ठिकाने

बता दें कि इस शिविर का स्थान जानबूझकर ‘मरकज जामिया अहले सुन्नत’ के पास चुना गया है, ताकि आतंकवादियों की भर्ती, रसद और धार्मिक गतिविधियों की आड़ में आतंकी गतिविधियां चलाई जा सकें. हाल ही में जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन ने भी अपने ठिकाने खैबर पख्तूनख्वा में शिफ्ट किए थे. अब लश्कर का नया ठिकाना भी इसी इलाके में होगा, जिससे जाहिर होता है कि इसके पीछे आतंकवादी संगठनों की योजना आपसी समन्वय बनाए रखने की है. इस पूरी मुहिम में पाकिस्तानी सेना और ISI की प्लानिंग साफतौर पर दिखाई देती है. लश्कर ‘मरकज जिहाद-ए-अक्सा’ के अलावा ‘मरकज-ए-खैबर गढ़ी हबीबुल्लाह’ और बटरासी स्थित शिविरों का विस्तार भी कर रहा है.

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