इजरायल की नौसेना ने मानवीय मदद लेकर गाजा पट्टी जा रही नौकाओं के काफिले को रोक लिया है। गाजा के तट से कुछ ही दूरी पर अंतरराष्ट्रीय जल में इजरायल ने सभी नावों को कब्जे में ले लिया और इन पर सवार कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया है। इनमें पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत करीब 200 कार्यकर्ता भी शामिल हैं। सभी को इजरायल ले जाया गया है।

पूर्व पाकिस्तानी सासंद भी अरेस्ट

इजराइल ने पाकिस्तान के पूर्व सीनेटर मुश्ताक अहमद खान को बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया है। वे पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के साथ राहत सामग्री से लदे 13 जहाज लेकर गाजा जा रहे थे। इस छापेमारी में ग्रेट समेत 37 देशों के 150 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। ये सभी 47 जहाज वाले समुद्र फ्लोटिला (जहाजी बेड़े) का हिस्सा हैं। इनका मकसद इजराइल की नाकाबंदी तोड़कर गाजा में मदद पहुंचाना है।

इजरायल ने कहा- सभी कार्यकर्ता सुरक्षित

इजराइल के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘सुमुद फ्लोटिला के कई जहाजों को सुरक्षित रूप से रोक लिया गया है और उनके यात्रियों को एक इजरायली बंदरगाह पर स्थानांतरित किया जा रहा है।’ मंत्रालय ने बताया कि ग्रेटा और उनके दोस्त सुरक्षित और स्वस्थ हैं। मंत्रालय ने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें थनबर्ग को ले जाते हुए दिखाया गया है। इजरायल का कहना है कि सभी को वापस इनके देश भेजा जाएगा।

37 देशों के 200 कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए

नौकाओं के प्रवक्ता सैफ अबुकेशेक ने सोशल मीडिया पर बताया कि इजरायली सेना ने काफिले की 13 नावों को रोका है। अबुकेशेक ने कहा, “इन नावों पर 37 देशों के 200 से ज्यादा लोग सवार थे, जिनमें स्पेन के 30, इटली के 22, तुर्की के 21 और मलेशिया के 12 लोग शामिल है। गिरफ्तारियों के बावजूद समूह का मिशन जारी है और जहाज गाजा की घेराबंदी तोड़ने के लिए भूमध्य सागर से होकर आगे बढ़ रहे हैं।’

काफिला रोके जाने का दुनियाभर में विरोध

इजरायल की इस कार्रवाई का दुनियाभर में विरोध शुरू हो गया है। मैक्सिको सिटी, बोगोटा, ब्यूनस आयर्स, इस्तांबुल और मैड्रिड सहित दुनिया के कई प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इटली के सबसे बड़ी कर्मचारी यूनियन ने आज हड़ताल का ऐलान किया है। बर्लिन में लोगों ने शहर के सबसे बड़े मेट्रो स्टेशन को ब्लॉक कर दिया है। मलेशिया, कोलबिंया, तुर्की, आयरलैंड और वेनेजुएला की सरकारों ने भी इजरायल की आलोचना की है।

गाजा जा रहे काफिले के बारे में जानिए

गाजा में इजरायल की नाकेबंदी तोड़ने और मदद पहुंचाने के उद्देश्य से करीब 50 नावों ने 31 अगस्त को स्पेन से सफर शुरू किया था। इनमें 44 देशों के सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, सांसद, पूर्व सैन्य अधिकारी समेत कई लोग सवार हैं। बेहद चुनौतीपूर्ण सफर और रास्ते में कुछ ड्रोन हमलों को झेलते हुए करीब एक महीने के सफर के बाद ये काफिला गाजा से 85 किलोमीटर दूर था, जब इजरायली सेना ने इसे रोक लिया।

इजरायल ने पहले भी रोकी थी थनबर्ग की नाव

इजरायल ने इसी साल जून में भी थनबर्ग और उनकी नाव को कब्जे में ले लिया था। तब भी वे गाजा के लिए मदद लेकर जा रही थीं। उनके साथ जहाज पर 11 और सामाजिक कार्यकर्ता भी सवार थे। इन सभी को हिरासत में लेकर इजरायल ले जाया गया था, फिर वहां से अपने-अपने देश भेज दिया गया था। यह यात्रा ‘फ्रीडम फ्लोटिला’ संगठन ने शुरू की थी, जो पहले भी गाजा में मदद पहुंचाने की कोशिश कर चुका है।

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