भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के महू में युवती से कथित तौर पर गैंगरेप, हत्या और फायरिंग में युवक की मौत का मामला विधानसभा में उठा है. विधानसभा में प्रश्नकाल की शुरुआत के साथ ही महू में आदिवासी की हत्या का मुद्दा नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने उठाया है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पूरे मामले की जांच जारी है. थोड़ी देर में स्थिति साफ हो जाएगी. जबकि कमलनाथ ने मजिस्ट्रियल जांच पर ही सवाल उठाया है.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में कहा कि पूरे मामले में 13 पुलिस के जवान घायल हुए हैं. थाना प्रभारी भी गंभीर रूप से घायल है. इसी बचाव में गोली चली है. मुख्यमंत्री शिवराज ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. पूरी घटना की सत्यता की जांच के आदेश हो गए. पूरे मामले की जांच जारी है. थोड़ी देर में स्थिति साफ हो जाएगी.
कमलनाथ ने कहा कि मेरे पास आंकड़े हैं. मैं ये पटल पर रख रहा हूं. मजिस्ट्रियल जांच तो होती रहती है, लेकिन कुछ नहीं होता है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आप भी घटना को गंभीर मान रहे. हम भी मान रहे. कमलनाथ ने कहा कि मजिस्ट्रियल जांच की समय सीमा तय करें. नरोत्तम बोले कि यह भी आप तय कर लें. कमलनाथ ने कहा कि यह दुख और शर्म की बात है. हमें नहीं आपको भी शर्म आनी चाहिए. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जांच चल रही है. शून्यकाल आते-आते और जानकारी आ जाएगी.
कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश को 13 बार आदिवासी अत्याचार का मुकुट मिला है. 18 साल की सरकार में 13 बार मध्य प्रदेश नंबर वन आया. 5 बार ही नंबर दो पर आया है. देश में आदिवासियों पर अत्याचार के मामले बढ़े हैं. मेरे पास NCRB के आंकड़े हैं. बीजेपी सरकार का पर्दाफाश हुआ है. जांच दल घंटेभर में पहुंचने वाला है. नरोत्तम मिश्रा के बयान ने कहा कि इन्वेस्टिगेशन बताएगा कैसे मौत हुई है. क्या गोली भी करंट ने चलाई है.
पूर्व मंत्री सचिन यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश भर में आदिवासी और दलित परिवारों की कोई चिंता नहीं कर रहा है. बीजेपी सरकार में बस आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ रहा है. जो घटना हुई वो वाक़ई निंदनीय है. इस तरह की घटना से प्रदेश शर्मसार होता है.
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि पूरा मामला महू के डोंगरगांव थाना क्षेत्र का है, जहां एक आदिवासी युवती की मौत पर जमकर बवाल हुआ. मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने शव लेकर थाने के बाहर चक्काजाम किया था. परिजनों का आरोप है कि युवती के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी. हत्या करने वाला पाटीदार समाज का युवक है. पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही और उसे पुलिस ने थाने में बैठा कर रखा है. भीड़ लगातार आरोपी को सौंपने की मांग कर रही थी. जिसके बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भीड़ को समझाने की कोशिश की कि वह कानून अपने हाथ में ना लें आरोपी को सजा कोर्ट देगी.
लेकिन परिजन नहीं माने और लगातार प्रदर्शन करते रहे. 1 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद जब परिजनों की कोई सुनवाई नहीं हुई तो परिजनों ने पुलिस थाने पर पथराव कर दिया. भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले बरसाए और 25 से ज्यादा हवाई फायर किए बावजूद इसके स्थिति पुलिस के कंट्रोल में नहीं आई और भीड़ नें पुलिस पर पथराव कर दिया. इस दौरान गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई.
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