रायपुर. फेसबुक की प्रोफाइल में सुंदर और सुशील लड़की देखी नहीं कि लोग उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना शुरू कर देते है.  धीरे-धीरे चैटिंग शुरू होती है और बात प्यार-महोब्बत तक पहुंच जाती है.

 लेकिन आपने कभी ये सोचा भी नहीं होगा कि जिसे आप सुंदर और सुशील लड़की समझ रहे है वह कोई लड़की नहीं बल्कि वह बेरोजगार लड़का भी हो सकता है जो 10 साल तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी पास नहीं हो सका.

ऐसी ही एक निशा जिंदल उर्फ रवि पुजार के फेसबुक आईडी का रायपुर पुलिस ने शुक्रवार रात को खुलासा किया. निशा जिंदल की फेसबुक आईडी में रायपुर के कई बड़े पत्रकार, आईपीएस समेत कई जाने माने डॉक्टर भी उनके दोस्त थे, जो निशा जिंदल की एक पोस्ट का इंतेजार करते रहते थे और जैसे ही निशा कोई पोस्ट डालती उसे लाईक करने की होड़ मच जाती थी.

लेकिन शुक्रवार रात करीब 12 बजे निशा जिंदल की फेसबुक आईडी से एक पोस्ट के बाद सभी चौक गए है. कि अब तक सुंदर मॉडल बनकर फोटो डालने वाली निशा ने अपने फेसबुक में एक मुंह बिगाड़े हुए लड़के की फोटो क्यों पोस्ट की ?

तब पता चला कि जो निशा जिंदल बनकर ये फेसबुक आईडी संचालित कर रही थी कि वह असली निशा जिंदल नहीं बल्कि इंजीनियरिंग पास न कर पाने वाला एक बेरोजगार युवक आरोपी रवि है, जो रायपुर के ही कबीर नगर में रहता था.

अब जब निशा उर्फ रवि ने अपने फेसबुक में पोस्ट किया कि मैं ही निशा जिंदल हूं, तो लोग इसे भी नहीं मान रहे.क्योंकि अब तक इनके दोस्त इन्हें निशा जिंदल मानकर फेसबुक में मैम, मैम कहकर संबोधित करते थे.

रायपुर के कई क्राइम रिपोर्टर थे निशा जिंदल के फ्रैंड

एसएसपी रायपुर आरिफ शेख के निर्देशन में बनी टीम ने जब निशा जिंदल उर्फ आरोपी रवि की फर्जी फेसबुक आईडी खंगाली तो वे भी कुछ देर के लिए चौक गए. क्योंकि जो क्राइम रिपोर्टर रोज उन पुलिस अधिकारियों से मिलते थे वह भी निशा जिंदल को अपना बेहद करीबी दोस्त मानते थे और रोजोना निशा के सभी पोस्ट में लाईक और कमेंट करते थे. इतना ही नहीं कई पुलिस अधिकारी भी इस फर्जी फेसबुक आईडी के चंगूल में फंसकर उसे अपना दोस्त मान रहे थे. हालांकि आरोपी की गिरफ्तारी और उसकी पोल खुलने के बाद खुद पुलिस ने आरोपी की फोटो खिंचवाकर उस फर्जी आईडी में ये पोस्ट करवाया कि मैं ही हूं निशा जिंदल और मैं पुलिस कस्टडी में हूं. जिससे उसके सभी दोस्तों को ये पता चल जाए की वह फर्जी आईडी थी.