जबलपुर। यूं तो आप सभी ने अमिताभ बच्चन की फिल्म सूर्यवंशम कई बार देखी होगी, जिसमें उन्हें कड़ी मेहनत के बाद तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए देखा गया। वहीं टीवी में प्रसारित होने वाले ‘तारक मेहता के उल्टा चश्मा’ के पोपटलाल का आपने अपने छाते से अटूट प्रेम देखा। इन्हीं दोनों का गठजोड़ मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक शख्स के अंदर देखने को मिला, जहां क्लीनर से ड्राइवर और 13 ट्रकों के मालिक बनने का सफर तय करने वाले शख्स ने अपने पहले ट्रक को बेचा नहीं, बल्कि अपने घर की छत पर ही सम्मानपूर्वक खड़ा कर दिया। गाड़ी मालिक का कहना है कि अब इसे आराम की जरुरत है। 

सफलता की कहानी 

दरअसल, ये कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि जबलपुर के अमरकांत पटेल के संघर्ष की कहानी है। जिन्होंने 10वीं फेल होने के बाद घर से मिली डांट और परिवार की जिम्मेदारियों की वजह से एक ट्रक में क्लीनर का काम किया। जहां उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और कंडक्टर, ड्राइवर के बाद एक ट्रक खरीदा। यहीं से उनकी किस्मत पलटी और व्यापार बढ़ने लगा। एक ट्रक की बदौलत 13 गाड़ियां, कई जमीन खरीदकर करोड़ों रुपए की संपत्ति बना ली।

एक ट्रक से खरीदी 13 गाड़ियां

अमरकांत पटेल ने बताया कि 2005 में वह जबलपुर आए थे। जहां उन्होंने कंडक्टरी से अपनी शुरुआत की। 2009 में वह ड्राइवर हुए और 2010 से ट्रक चलाना शुरू किया। सन 2011 में उन्होंने एक ट्रक खरीदा और 2015 तक गाड़ी चलाई। इसके बाद उन्होंने गाड़ी चलाना छोड़कर और ट्रक खरीदकर चलवाना शुरू कर दिया। जिससे 13 गाड़ियां खरीदी। 

गरीबी में अपमान, ट्रक से मिला सम्मान

उन्होंने बताया कि जब वह बेहद गरीब थे तो लोग उन्हें अपने से दूर भगाते थे। एक समय वह किसी के साथ उठने-बैठने के लायक नहीं थे। लेकिन आज अपनी मेहनत और ट्रक के साथ की वजह से सभी के साथ उठते-बैठते हैं। उन्होंने अपनी निशानी के लिए शौक से इसे घर की  छत पर रखा है। लोग दूर-दूर से इसका वीडियो बनाने और रील बनाने आते हैं। 

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