कुमार इंदर, जबलपुर।  मध्य प्रदेश के जबलपुर में रक्षा मंत्रालय की फैक्ट्रियों में हादसों के शिकार लोगों को वक्त के हिसाब से मुआवजा नहीं मिल रहा है। उन्हें 100 साल पुराने कानून के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है। ये खुलासा 22 अक्टूबर को हुई घटना के मुआवजे को लेकर हुआ है। मामले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने फैक्ट्री से जवाब मांगा था। जिसमे पता चला कि 100 साल पुराने कानून के हिसाब से दो मृतकों को मुआवजा दिया गया है।  

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वहीं इसे लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने प्रदर्शन किया, उन्होंने वर्तमान स्थिति और नियमों के हिसाब से कानून बनाने की मांग की की गई है। नेशनल लायबिलिटी, पब्लिक लायबिलिटी और एनवायरमेंट नियमों के हिसाब से मुआवजा नहीं मिल रहा है। 

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नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष पीजी नाजपांडे ने कहा कि 22 अक्टूबर को खमरिया फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट हुआ था। इसमें दो व्यक्तियों की मौत हुई थी, जबकि एक व्यक्ति गंभीर घायल है। जिसके बाद हमने मांग की थी कि पीड़ितों को समुचित मुआवजा दिया जाए। लेकिन फैक्ट्री की ओर से जवाब आया है, जिसमें सन 1923 यानि 100 साल पुराने कानून के हिसाब से मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को वर्तमान रुपयों के हिसाब से मुआवजा दिया जाना चाहिए था।    

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