कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बीएससी नर्सिंग की परीक्षा में गलत पेपर बंटवा दिए। करीब आधे घंटे बाद एग्जाम कंट्रोलर को होश आया। इसके बाद गलत पेपर वापस लेकर सही पेपर दिया गया। लेकिन इसके चक्कर में आधा घंटा खराब हो गया। प्रबंधन ने एक्स्ट्रा टाइम भी नहीं दिया। टाइम कम पड़ने पर कई छात्रों के पेपर बिगड़ गया।

अपने कारनामों के लिए पहचानी जाने वाली जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की एक और लापरवाही सामने आई है। जिसमें बीएससी नर्सिंग के तृतीय वर्ष की परीक्षा में पुराना पेपर देने का मामला सामने आया है। दरअसल सोमवार को पूरे मध्य प्रदेश में बीएससी नर्सिंग के तृतीय वर्ष का पेपर होना था। जिसके लिए पूरे प्रदेश में 25 केंद्र बनाए गए थे जबलपुर में भी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय और मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी मिलाकर दो केंद्र बनाए गए थे। जिसमें हजारों छात्र परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे।

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आधा घंटा खराब

समय के अनुसार सुबह 11 बजे पेपर बांट दिया गया, छात्रों ने पेपर लिखना शुरू भी कर दिया तभी 15 मिनट बाद एग्जाम कंट्रोलर को होश आया कि जो पेपर बांटे गए हैं वह दरअसल पिछले साल यानी 2024 के है। इसके बाद आनन फानन में तत्काल फोन कर पेपर रुकवाया गया और फिर उसकी जगह छात्रों को 2025 के नए पेपर दिए गए। इस पूरी प्रक्रिया में छात्रों का करीब आधा घंटा खराब हुआ।

छात्रों के भविष्य पर मंडराने लगा खतरा

वहीं छात्रों का कहना है कि एग्जाम सेंटर में कहा गया था कि उनका जो समय खराब हुआ उसके बदले आधा घंटा एक्स्ट्रा दिया जाएगा, लेकिन छात्रों को 2 बजकर 5 मिनट पर पेपर ले लिया गया और छात्रों को एग्जाम सेंटर से चलता कर दिया। विश्वविद्यालय की लापरवाही के चलते कई छात्र न केवल परेशान हुए बल्कि समय के कमी के चलते कई छात्र अपना पूरा पेपर भी नहीं कर पाए। अब ऐसे में बहुत से छात्रों के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। आपको बता दें कि प्रदेश स्तरीय हुए इस एग्जाम में करीब 5000 छात्र पेपर देने के लिए बैठे थे।

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3 साल बाद हो रहे है पेपर

गौरतलब है कि 26 मई को जिन छात्रों का पेपर हुआ है, वह 2018-19 बैच के छात्र है, जिनका नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा घोटाले के चलते एग्जाम नहीं हो पा रहा था। किसी तरह हाइकोर्ट के निर्देश पर जैसे तैसे इन छात्रों के एग्जाम हो रहे हैं, उसमें भी 3 साल बाद हुए इस एग्जाम में इस तरह के लापरवाही अपने आप में कई सवाल खड़े करती है।

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